Dost Ne Gaand Marna Sikhaya

दोस्तों, ये मेरा पहला स्टोरी है, अगर कोइ ग़लती होती है तो माफ़ कर दीजियेगा। मेरा नाम रवि सिंह राजपूत है, और. मैं पटना बिहार का रहने वाला हूँ।मैं अभी 22 साल का हूँ, मैं बी.एस.इ कर रहा हूँ मैथ्स होनौर्स से, और मेरा लंड 6.5 इन्च लम्बा और 3 इन्च मोटा है।बात उस समय की है जब मैं 16 साल का था, उस वक्त मुझे सेक्स के बारे में कुछ भी पता नहीं था। फिर धीरे धीरे दोस्तों ने मुझे सेक्स केे बारे मे बताया, और वो मेरा लंड पकड़ कर मूठ मरता था।फिर धीरे धीरे मैंने भी पोर्न देखना शुरु किय, ऐसे ही 2 साल निकल गये। और मैं 18 साल का हो गया, एक दिन मेरे वही दोस्त ने मुझे एक वीडियो दिखाया। जिसमे एक लड़का दूसरे लड़के का गांड मार रहा था, और दूसरा लड़का खूब मजे से आहहहह उहहहहहहह ओह्ह्ह्हह कर रहा था।जिसको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, तो मैं उससे मज़ाक में ये बोला की “ये सब क्या दिखा रहे हो मुझे, गांड मरवाना चाहते हो क्या मुझसे ?और वो हॅसने लगा और वो बोला कि “हाँ मेरे साथ भी तुम ऐसे ही करो जैसे इज विडियो में यह लड़का कर रहा है।ये सुन कर मैं तो बहुत खुश हो गया, और मैंने जल्दी से अपना लंड बहार निकाल लिया। जो अब पूरा खड़ा हो गया था।वो मेरे लंड जो हाथ में लेकर हिलाने लग गया, इसमे मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर अचानक उसने वो किया जिसकी मुझे बिलकुल उम्मीद नही थी।उसने मेरे खड़े लंड को अपने मुँह में ले लिया। मुझे इतना मज़ा आया की मैं आहहहहह आहहहह करने लग गया। और मैं बोला जोर से चुसो, और मैं उसके मुंह मे धका मारने लग गया।और कुछ देर बाद वो मेरे लंड पर तेल लगाने लगा और फिर अपनी गांड के छेद में उंगली डाल कर तेल लगाने लग गया।और वो बोला कि – आज मेरा ये पहली बार है, तो मुझे थोड़ा दर्द होगा और मैं चिलाऊँगा। पर तुम अपना लंड मत निकलना और मुझे चोदते रहना बस।मैं – ठीक है यार।ये बोलते ही वो कुतिया वाले पोज में खड़ा हो गया, और मुझसे बोला।वो – चल यार अब डालो।अब दोस्तोँ मुझे और क्या चाहिए था, मैं उसके पीछे गया और अपना लंड उसके गांड पर लगे तेल पर घिस कर और चिकना करने लग गया। तेल से अब मेरा लंड चमक रहा था।फिर मैंने उसकी गांड से अपना लंड सेट किया और उसके दोनों पैर पकड़ कर, एक जोर का झटका मारा। जिससे मेरा लंड फच से उसकी गांड में 3 इन्च घुस गया।फिर वो ज़ोर से चिल्लाया और बोला।वो – आहहहहह ओह्ह्ह्हह प्लीज भाई छोड़ प्लीज दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है। भाई मैं मर जाऊंगा आहहहह हहहहहहहह।लेकिन अब मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने बिना उसके बारे मे सोचे एक और तगड़ा झटका मारा। और इसी केे साथ मेरा पूरा लंड घच की आवाज़ के साथ उसकी गांड में घुस गया।अब वो रोने लग गया और मुझसे रोते हुए बोला।वो – मुझे माफ़ कर दो भाई, आहहहहहह अब मैं कभी गांड नही मारने दुंगा किसी को आहहहहहह अपनी माँ की कसम।लेकिन मैं उसको बिना रुके चोदे जा रहा था, और उसके गांड से चुदाई का मधुर आवाज़ आ रही थी, घच घच घच घच और वो रोये जा रहा था।ऐसे ही जब 5 मिनट गुजरे और अब उसको भी मज़ा आने लग गया। और वो भी आहहहहहह ओझहहह अससससनससीज और जोर से आहहहहहह और जोर से चोद मुझे ये सब कह रहा था।यह सुन कर मुझे और जोश आ गया और मैं तेज़ी से उसके गांड में अपना लंड अन्दर बहार करने लग गया। और वो भी अपना गांड पीछे की ओर मेरे लंड पर मारने लग गया।इसी तरह हमारी चुदाई 15 मिनट तक चली और उसके बाद जब मुझे लगने लगा की मैं झरने वाला हूँ। तब मैं बहुत ज़ोर से उसे चोदने लग गया।और करीब 8-10 धेक्को केे बाद मैं उसकी गांड में झर गया और उसके लंड ने भी अपना पानी छोड़ दिया।हम दोनों एक साथ बेड पर गिर पड़े, मैं तो मानो जैसे आसमान में उड़ रहा था। मुझे इतना मज़ा आया था उसकी कुँवारी गांड मारने में मैं आपको बता नही सकता। कुछ देर हम दोनों लेटे रहे, और फिर से वो मेरा लंड सहलाने लग गया। जिससे मेरा लंड फिर से सर उठाने लग गया चुदाई केे मैदन में आने के लिए।उस दिन मैने
उसको 4 बार चोद कर उसके गांड की खुजली को शांत कर दिया, और सबसे लास्ट में मैने अपना मुठ उसको पिलाया जिसे वह बाहर फैकना चाहता था।लेकिन मैंने अपना पूरा लंड उसके मुँह में घुसा दिया और तब तक नहीं निकाला जब तक वो मेरा सारा माल पी ना गया।उसके बाद तो जब भी हमे मौका मिलता, तो हम चुदाई कर लिया करते है। और अब मैं अपने लंड का पानी उसके मुँह में ही निकलता हूँ। और वो भी मज़ा लेकर पी जाता है।ऐसे ही 3 महीने निकले होंगे कि उसके पापा का तबादला दूसरे शहर में हो गया।और हमारे बिच का सेक्स रिलेशनशिप भी खत्म हो गया, और अब तो हालात यह हो गया है की मुठ मार कर काम चल रहा हूँ। 3 महिना हो गए है हाथ से हिलाते हुए, लेकिन इसी बिच एक मस्त फिगर वाली लड़की केे साथ मेरा चक्कर चल गया। और उसके बाद मैंने उसको चोदा भी जो कि सील पैक माल थी।उसको कैसे फसा कर मैंने अपने लंड की गर्मी को शांत किया वो मैं आपको अपनी अगली स्टोरी मे बताऊँगा। तब तक केे लिए धन्यवाद आप लोगों का मेरा स्टोरी पढ़ने के लिए।अगर कोई लड़की, आंटी या कोई गांडू जिसको गांड मरवाना पसंद हो वह मेरे मेल आईडी पर मैसेज कर सकते है। और हाँ वही लोग मैसेज करे जो पटना के करीब रहते हैं, उनकी जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी।इस बात की गारंटी है मैं आपको देता हूँ।आप सब अपना कमेंट जरुर करे और बताये कि मेरी ये मस्त सेक्स से भरी कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताये।

Ohh… To Main Ladki Hoon – Part 2

नमस्ते दोस्तों, मैं आपकी रीना अपनी कहानी का दूसरा भाग ले कर आ गयी हूँ.तो दोस्तों मैं उस रात सो नहीं पायी,खुद के अंदर की रीना को मिल कर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही थीमैंने नहा-धो कर नाश्ता किया और फिर से रीना बन कर बैठ गयी कंप्यूटर के आगे और देखने लगी क्रॉसड्रेसेर्स से जुडी फोटोज, वीडियोस कहानिया और वो सब देख कर ,सुन कर,पढ़ कर मुझे लगा मनो अब तक मैने ज़िन्दगी को जिया ही नहीं हैमैं पोर्न वीडियोस देख रही थी, आअह्ह्ह किस तरह से दोनों लड़के जिसमें से एक लड़की बना था एक दूसरे को प्यार कर रहे थे,किस तरह से लड़का क्रॉसड्रेस्सेर को चुम रहा था, उसके निप्पल्स को चूस रहा था मानो सच में उन में से दूध निकल आएगा.किस तरह बिस्तर पर पुरे नंगे हो कर एक दूसरे को गले लगा कर पागलो की तरह एक दूसरे को चुम रहे थे,, आह्हः फिर किस तरह लड़का क्रॉसड्रेस्सेर की नाभि को चुम रहा था उसे चाट रहा था और क्रॉसड्रेस्सेर सिसकियाँ भरे जा रहा था।जब दोनों अपने नंगे बदन को एक दूसरे से चिपकाते तो मैं अपने बदन पर खुद हाथ फेर कर सोच लेती की मैं भी ये कर रही हूँ और जब जब वो क्रॉसड्रेसे के निप्पल को चुस्ता ,मैं भी अपने निप्पल्स को हौले हौले अपने हाथो से सहला कर सोच लेती कोई मेरे निप्पल्स को भी चूस रहाहैफिर मैंने देखा लड़का सक्रॉसड्रेस्सेर की गुदा होल को चुम रहा है और उसे गिला कर रहा है.. और फिर तरह क्रॉसड्रेस्सेर अपने लड़के के लिंग को मु में ले कर उसे प्यार कर रहा है और चूस रहा है…मैं तो बस अपनी उंगलियो को मु में भर कर सोचने लगी मैं भी किसी के लिंग को चूस रही हूँ देखा.. किस तरह लड़का क्रॉसड्रेसेर के होल में अपने लिंग को दाल कर धीरे धीरे अंदर बहार करने लगा और क्रॉसड्रेस्सेर बस अपनी आंखे बंध करके सम्भोग का मज़ा ले रहा है थाअब मुझे बहुत मन हो रहा था ये करवाने का तो मेरे दिमाग में एक बात आयी और मैं किचन में जा कर..ककड़ी ले कर रूम में कंप्यूटर के सामने देखने लगी किस तरह से वो लिंग को क्रॉसड्रेस्सेर के होल में डाल रहा हैफिर मैंने ककड़ी होल पर रखा और अंदर डालने लगी तो मुझे हल्का सा दर्द होआ. और हिम्मत नहीं हुयी और कुछ करने की.. लेकिन मेरे दिल में सोच लिया था.. असली लिंग नहीं तो इस ककड़ी को अंदर तो ले कर रहूंगीमैंने इंटरनेट पर सर्च किया तो पता चला ककड़ी पर आयल या क्रीम लगाने से आसानी से अंदर बहार हो जाता है तो बस फिर क्या था, मैं हेयर आयल ले कर और अपनी पेंटी उतार कर पेटीकोट उप्पर करके लेट कर दोनों टैंगो को फैला ली और ककड़ी को धीरे से अपने होल के पहले थोड़ा सहलाया और फिर धीरे धीरे अंदर डालने लगी .हाय दैया हल्का हल्का मीठा मीठा सा दर्द हो रहा था लेकिन जैसे जैसे ककड़ी मेरे अंदर जा रही थी मेरे अंदर की रीना खुश हो रही थी। मानो सच में किसी मर्द का कड़क लिंग मेरे अंदर जा रहा हो और मैं आँख बंध करके बस उस लिंग को अपने अंदर महसूस कर रही थी.थोड़ी देर बाद मैं किचन से दूसरी ककड़ी ले कर आयी और उससे ले कर बिस्तर पर लेट गयी और अपने पेट से लेट कर उससे बिस्तर पर खड़े पोजीशन में रख दिया मनो मेरे मर्द का लिंग मेरे सामने तना हो,और फिर जिस तरह पोर्न मूवीज में देखा था..उसी तरह मेने ककड़ी को लिंग मन कर उससे अपने मुख की गरमी दी और एक औरत की तरह उससे चूसा, सबसे पहले मैंने ककड़ी के मुख को हौले हौले चूमा और फिर धीरे से उसके मुख को अपने होठो में रख कर हौले हौले चूसा मनो लिंग के सुपर का रस पि रही हूँ.धीरे धीरे ककड़ी को मु में ले कर उप्पर से निचे तक उससे भर लिया और थोड़ी देर रुक कर उप्पर निचे करनी लगी। सच में जीवन में ाकभी इतना सुख नहीं मिला था.जितना रीना बन कर मिल रहा था मुझे।उसी दिन शाम को मेरे घर वाले वापस आ गए और में रीना को फिर से छुपा लियालेकिन उसके बाद तो जब जब मेरे घर वाले कही जाते मैं कोई न कोई बाहना बना कर घर पर रुक जाती और फिर अकेले मैं मेरी रीना को फिर ले आतीसबसे पहल
े नाहा कर आती फिर ब्रा पेंटी और पेटीकोट पहनती ,फिर स्लीवलेस ब्लाउज और साडी पहनती और फिर होठो पर लाल लिपस्टिक, हाथो में चुडिया, पैरो में पायल, माथे पर बिंदी लगाती और खुद को कई बार आईने में देख कर खुश होती लेकिन इन् सब के बाद भी मेरे अंदर की रीना प्यासी थी क्यूंकि उससे कोई प्यार करने वाला नहीं था..जो उसकी इस जवानी को चुम ले प्यार करे भोग ले, महीनो तक मैं बस यूँही अकेले में रीना बन कर तड़पती रहती, पोर्न मूवीज देखती और वही ककड़ी वाला प्यार का खेल खुद से खेलती लेकिन अब मेरे अंदर की रीना को एक सच का प्यार करने वाला साथी की तलाश थी जो मुझे,रीना को अपना ले और खूब प्यार करे और मैं खुद अपने आप को उससे दे कर उससे सम्भोग का सुख दूँ.फिर एकदिन मैं एक स्टोरी पढ़ रही थी जिस में एक CD अपने पडोसी लड़के को पटा कर उससे सेक्स करता है,मैं तुरंत सोचने लगी क्या मेरे आस पास है कोई ऐसा ??? काफी देर तक सोचने के बाद मेरे दिमाग और दिल दोनों ने आवाज़ दी. राजेश अंकल। .जी हाँ, ६५ वर्ष के राजेश अंकल जिनकी पत्नी का स्वर्गवास ४ साल पहले हो गया और सभी बेटे अमेरिका में सेटल थे और खुद अंकल यहाँ उनकी सरकारी पेंशन के साथ अकेले रहते थे और उनके घर सिर्फ एक काम वाली बाई आती थी और एक उनके लिए खाना बनाने, ओह्ह्ह मुझे लगा बगल में छोरा और शहर में ढिंढोरा हा हा हा खुद पर हसी आ रही थी मेने इनको क्यों नहीं देखा उस तरह कभी। अकेले हैं और साथी भी नहीं कोई, सेक्स की भूख तो लगती होगी इनको कभी.लेकिन मुश्किल ये थी उनके बिस्तर तक और उनके दिल तक कैसे जाया जाये और यही सोच रही थी की तभी एक बात सूझी की क्यों न अंकल को खुद रीना बन कर दिखा दू या ऐसा करू अंकल मुझे देख ले रीना बने और मनो मुझे पता ही न हो इसके बारे में।फिर क्या मैं अब उस दिन का इंतज़ार करने लगी जब मैं फिर से अकेली होती और अपने कमरे की खिड़की इतनी हलकी सी खोल दू की अंकल मुझे रीना बने देख पाए।लगभग हफ्ते भर बाद वो शाम आयी जब मेरे घर वाले शादी में जाने वाले थे और मेने ना बोल दिया और फिर जैसे हे घर वाले गए, मेने तुरंत दरवाजा लॉक किया जल्दी से नाहा कर बहार आयी और खिड़की को हल्का सा खोल दिया ताकि अंकल की ना नज़र सके और मेने सिर्फ ब्रा पेंटी और पेटीकोट फेन कर इन्तेज़ाार करने लगी की अंकल आये.और कुछ देर बाद अंकल आये तो मैं झट से ब्लाउज पहने लगी और फिर साडी पहनने लगी और एक बार तिरछी नज़र से देखा तो मेरा तीर निशाने पर लगा था, अंकल मुझे खिड़की से चुप कर देख रहे थे लेकिन इस जीत की ख़ुशी के साथ मुझे डर भी लग रहा था की कही अंकल सीधे मेरे घर वालो को न बोल देलेकिन अब क्या ?जो होना था हो गया चुकी थी अपना काम। आगे रीना की किस्मत..और फिर मैं दूसरे कमरे में चली गयी और मेरा दिल जोर से धड़क रहा था की अंकल ने मुझे देख लिया है अब क्या होगा.फिर मेरे घर वाले आ गए और फिर से रीना छुप गयी लेकिन रीना को अब इंतज़ार था शायद उसका पहला प्यार कामयाब हो जाये और अंकल रीना को पसंद कर के अपना लेअगले भाग में आगे की बात कहूँगी आप सबसे, आपकी रीना![email protected]

Ohh… To Main Ladki Hoon

नमस्ते दोस्तों मैं रीना (असली नाम हर्ष) आपका स्वागत करती हूँ मेरी जीवन की सच्ची घटनाओ की दुनिया में. मैं अपने जीवन के सभी समलैंगिक रिश्तो और खेलो के बार्रे में विस्तार से बताउंगी.जैसा आप लोग समझ गए होंगे की मैं एक लड़का हूँ पर मेरी आत्मा,मेरा दिल और मेरा मन एक औरत का है और खुद को मेने रीना नाम दिया हुआ है.मेरी कहानी शुरू करते हुए अपनी पहेली कहानी आप सब के बिच रख रही हूँ आशा करती हूँ आपको पसंद आएगी. तो अपनी पहेली कहानी में मैं बताउंगी मुझे कैसे पता चल की मेरा तन मर्दो का है लेकिन मन औरत का है.ये उन् दिनों की बात है जब मैं १२ व्ही कक्षा में थी और मेरी उम्र १८ साल पार गयी थी और मेरे परिवार वालो को २ दिन के लिए बहार जाना था और क्यूंकि मेरी पढाई थी इसलिए मैं घर पर रुक गयी और बाकि सब चले गए.अकेले होने पर मुझे एक अजीब सी आज़ादी लग रही थी और मेने सुबह उठ कर सबसे पहले अपने लिए नाश्ता बनाया और खा कर मैं नाहा कर अपने रूम में गयी और टॉवल बिस्तर पर फेक दिया और फिर शीशे के सामने खुद के शरीर को ध्यान से देखने लगी.मेरा शरीर जो मर्दो का था लेकिन उस में मर्दो वाली सिर्फ एक बात थी और वो था मेरा छोटा सा लिंग जिस के आस पास ठीक से बाल भी नहीं थेफिर मैंने अपने दोनों हाथो को ऊपर किया तो मेरी दोनों सुन्दर और एक दम साफ़ आर्मपिट्स दिख रही थी और मुझे मन कर रहा था काश उन्हें हौले हौले चुम ले, फिर मैंने अपने दोनों निप्पल्स को हाथो से हौले हौले दबाया .. आह आ मन कर रहा था कोई इन् प्यारे प्यारे निप्पल्स को मु में ले कर एक बच्चे की तरह मेरा दूदू पि ले.फिर मैंने अपनी एक ऊँगली अपनी नाभि में डाली और उससे हौले हौले हिलाने लगी,आअह्ह्ह सच मन कर रहा था कोई मेरी नाभि को चुम ले.मेरा पूरा शरीर एक दम गोरा साफ़ और बिना बालो वाला था मुझे अपने इस शरीर से बहुत प्यार था और मैं अक्सर अपने हाथो और कंधो को खुद चुम लेती लेकिन उस दिन मैं सोच रही थी काश कोई और भी इनको चूमे तो कितना अच्छा लगेगा, लेकिन सोचने लगी कोई लड़की मुझे जैसे लड़के को क्यों पसंद करेगी तो मेने खुद को सवाल पूछा अगर लड़की नहीं तो कोई लड़का भी मुझे पसंद करे तो?ये बात मेरे दिमाग में आते ही मैं मनो खुद से शर्मा गयी और मन ही मन खुस होने लगी और सोचने लगी मुझे कोई लड़का तभी पसंद करेगा जब में खुद एक लड़की बन जाऊ और लड़की बनने के लिए मुझे लड़की वाले कपड़े पहने होंगें और मेकअप करना होगा और सब कुछ लड़की की तरह ही करना होगा.अब मुझे ये हिम्मत आयी की क्यों न आज घर में ही मैं लड़की बनु और मैं अपने पेरेंट्स के रूम में गयी और मम्मी की अलमारी खोल कर देखने लगी.क्या पह्नु ?साडी ? या सलवार ?या मैक्सी ? फिर सोचा पूरी तरह लड़की बनना हो तो साडी ही पहने तो अच्छा होगा,बस मेने तुरंत अलमारी से मम्मी की एक ब्रा,ब्लाउज ,पेटीकोट,साडी निकाल ली और उनका मेकअप किट ले कर अपने रूम में आ गयी.लेकिन मुझे साडी पहनने नहीं आती थी तो मेने इंटरनेट पर साडी पहनने का वीडियो देखा और फिर मेने शुरू किया अपना नया अवतार.मैंने सबसे पहले ब्रा और ब्लाउज पहना और फिर पेटीकोट और फिर शीशे के सामने बैठ गयी और मेकअप किट खोल कर उसे में से फाउंडेशन ले कर हल्का सा फेस पर लगाया ,फिर मेने लाल रंग की लिपस्टिक लगायी और फिर आँखों में हलके से काजल.खुद को जब देखा तो लगा की सिर्फ इतना ही करके मैं कितनी बदल गयी थी और सुन्दर भी लग रही थी बस मुझे और जोश आने लगा और मेने फिर चुडिया पहनी और पैरो में पायल भी और अंत में साडी पेहेन ली और खुद को शीशे के सामने देखा तो कुछ कमी सी लगी लेकिन तुरंत ध्यान आया और मैंने अपने अलमारी से २ जोड़ी रुमाल ले कर उन्हें गोल करके अपने दोनों साइड के ब्रा के अंदर दाल दिया और फिर से खुद को आईने में देखा तो मेरे उभरे हुए स्तन मुझे एक सम्पूर्ण नारी बना चुके थे.तो ये थी मैं यानि रीना ,मैंने सफ़ेद रंग की ब्रा,गुलाबी ब्लाउज औ
र पेटीकोट और लाल रंग की साड़ी पहनी थी,फेस पर हल्का सा फाउंडेशन और आँखों में काजल,होठो पर हलकी लाल रंग की लिपस्टिक लगाई थी.आह्हः मुझे जीवन में इतनी खुसी कभी नहीं हुयी थी जितनी उस दिन खुद को एक लड़की बने देख कर हुयी.में बस खुद को निहार रही थी,आखिर कौन थी मैं?? मैं क्यों एक लड़की बन कर नहीं पैदा हुयी खुद को आईने में देख कर मैं सोच रही थी मुझे तो बस किसी की प्रेमिका ही बनना हैं.अब मैं घर में घूम रही थी और मेरे पैरो की पायल की आवाज़ और हाथो की चूडियो की आवाज़ दोनों हे मुझे और जोश दिला रहे थे. मैं तो बस मन ही मन तरस रही थी कोई तो देख कर मुझे इस रूप में मुझे प्यार करे और अपना ले. मैं पूरा दिन घर में ऐसे ही रही और सब काम किया मनो में इस घर की पत्नी हूँ.अब रात का समय था मैं खाना बना कर खा लिया और अब सोचा रात को तो रात वाले कपडे पहने चाइये न ?तो मैं सबसे बाथरूम गयी शावर लिया और बहार आकर फिर से मम्मी की अलमारी के पास गयी और वह से उनकी नाइटी ले कर अपने रूम में आ गयी.मेने फिर से ब्रा पेटीकोट पहन ली और अपने रूमालों से स्तन बनाये और फिर नाइटी पहन ली.और अपने बिस्तर पर लेट गयी,सच एक औरत की तरह पूरा दिन बिता कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था,और ख़ुशी के मारे मुझे तो नींद भी नहीं आ रही थी.मुझे और भी कुछ करना था सो मैं इंटरनेट पर ऑनलाइन हो कर इस पर सर्च करने लगी और मुझे कई सेक्स स्टोरीज, वीडियोस और फोटोज देखने को मिले और पता चला मुझ जैसे लड़के को पोर्न की दुनिया में क्रॉसड्रेसेर्स बुलाते है मुझे ये सब देख कर लग रहा था मानो में स्वर्ग में हूँ. और मैं खुश थी की आज मैं खुद को बोल सकती हूँ ” ओह्!!! तो मैं लड़की हूँ”दोस्तों अगले दिन मेने घर पर क्या किया ये मैं इसके दूसरे भाग में बताउंगी और आशा करती हूँ पहला भाग आपको पसंद आया हो मुझे आप मेरे जीमेल पर लिख सकते है और मेरे साथ मेल पर बात भी कर सकते है.प्लीज प्लीज जरूर लिखना मुझे, आपकी अपनी रीना![email protected]

Ek Saath Do Mardo Ke Sath – Episode 1

हैलो दोस्तो, मैं सानिया खान उत्तर प्रदेश से एक बार फिर अपनी चुदाई की हिन्दी सेक्स कहानी पेष कर रही हूं। जैसा कि पहली कहानी में बताया कि मेरी आयु 29 साल, कद 5 फीट 7 इंच, रंग गोरा और फिगर का साईज़ 36डी-28-38 है।मैं ज्यादातर टाईट जींस के साथ टाईट टॉप या बॉडी फिट शर्ट पहनती हूं या फिर साडी़ पहनती हूं। आम तौर पर घर से बाहर जाते टाईम हाई हील के सैंडल पहनती हूं और नज़र का चश्मा लगाती हूं। मैं शादी शुदा हूं और दो बच्चों की मां हूं लेकिन बदन एकदम टाईट और सेक्सी है।जैसा कि मैंने पहले बताया कि शुरू से ही मुझे लड़कों और मर्दों में बहुत ज्यादा दिलचस्पी रही है। अच्छे लड़कों और मर्दों के देखकर मेरा दिल मचलने लग जाता है। और अब तो मैं एक ब्वॉयज कॉलेज में लाइब्रेरीयन हूं तो चारों तरफ लड़के ही लड़के देखकर खिल उठती हूं। अभी ज्यादा टाईम न लेते हुए कहानी पर आती हूं।पिछली कहानी में मैंने बताया कि मैंने एक बस कंडक्टर के साथ दोस्ती करके उससे अपनी चूत और गांड की चुदाई करवाई। ये किसी मर्द से मेरा पहला और आखिरी संबंध था जो आठ माह तक चला बाकी लड़कों और मर्दों से तो ज्यादा से ज्यादा दो माह चुदाई के बाद बदल लेती हूं। उसके बाद हम दोनों चुदाई करने लगे और हम चुदाई करने से पहले पोर्न मूवी जरूर देखते थे।मूवी देखने के बाद हम दोनों वैसे ही चुदाई करते जैसे मूवी में में होती थी। हमें चुदाई करते छ माह बीत चुके थे, इस बीच राज ने मुझे एक मूवी दिखाई जिसमें दो लड़के मिलकर एक लड़की की चुदाई करते हैं और लड़की बहुत मजे से उन दोनों लड़कों से चुदाई करवाती है। लड़की एक ही टाईम दोनों लड़कों का लंड अपनी चूत एवं गांड में लेकर मजा लेती है।मैं मूवी में ऐसी चुदाई देखकर पागल सी हो गई और दिल करने लगा मैं भी एकसाथ दो लंड से चुदाई करूं। मैंने राज से कहा मुझे भी ऐसे ही चुदाई करनी है। राज को लगा मैं मजाक कर रही हूं और बोला ऐसे तो रंडी ही चुदाई कर सकती है शरीफ लड़की नहीं।मैंने पलट कर कहा तुझे किसने कहा मैं शरीफ हूं। राज ने मेरी तरफ गौर से देखा और कहा क्या मतलब किसने कहा मैं कह रहा हूं न तुम शरीफ लड़की हो। मैंने कहा भाड़ में जाए ऐसी शराफत मुझे चुदाई के मजे लेने हैं तुम चुदवा दो नहीं तो मैं खुद ढूंढ लूंगी। राज ने कहा पागल हो गई क्या।मैंने कहा मैं चुदाई केलिए पागल हूं तुम बताओ अगली बार साथ किसी और से चुदवाओगे या नहीं। राज हंसने लगा। मैंने कहा हंस क्यों रहा है तो बोला मुझे पता था कि तुम बहुत लोगों का लंड लोगी पर इतनी जल्दी लेने लग जाओगी ये पता नहीं था।फिर राज ने कहा मेरा एक दोस्त है उसकी आयु भी मेरे जितनी है उसने कई बिर तुझे देखा है और तुझे चोदना भी चाहता है क्या वो चलेगा। मैंने कहा एक बार दिखा दो उसको पता चले बिना। उसने कहा ठीक है अभी दिखा देता हूं।वो मुझे अपनी कार में बैठा कर आनाज मंडी की तरफ ले गया। वहां कुछ ट्रकों में चावल भरे जा रहे थे। वहां एक आदमी कुछ पर्चियां लेकर खड़ा देख रहा था। राज ने उसकी तरफ इशारा करके कहा वो सामने खड़ा है।मैं उसको गौर से देखने लगी तभी राज ने बताया कि उसका नाम भोला सिंह है और जो वहां ट्रक खड़े हैं वो उन सब का मालिक है। वो पंजाबी है और यहां सीज़न के टाईम आता है अच्छे पैसे बन जाते हैं। मैं उसको निहारने लगी उसकी आयु करीब 45 साल की थी और हट्टे-कट्टे जिस्म वाला था।उसका रंग गोरा और दिखने में सुंदर था। मैं कार से उतर कर आगे चली गई और ट्रक के पीछे छुपकर पास से देखने लगी। उसका चेहरा क्लीन शेव और क्यूट लगा। उसकी आंखों एवं बालों का रंग एकदम काला था। उसके नैन नक्श तीखे और बहुत प्यारे थे।उसका कद करीब 5 फीट 9 इंच और जिस्म मजबूत एवं बिल्कुल फिट था। उसको ठीक से देखने के बाद में वापिस कार में आ गई और राज को चलने को कहा। मैंने राज को उसको लाने को कहा और ये भी कहा अगर लपर बाल हुए तो वो साफ करके आए क्योंकि
मुझे बाल रहत लंड अच्छा लगता है। राज ने कहा जो हुक्म सरकार और मैं हंसने लगी।फिर राज मुझे बस स्टैंड छोड़ने चल दिया ताकि अपने घर चली जाऊं। रास्ते में राज ने कहा सानिया मैंने तुम्हारी चूत एवं गांड चोद कर तुझे लड़की से औरत बनाया था लेकिन अगली चुदाई में मैं और भोला तुझे मिलकर चोदेगें। इस चुदाई के बाद तुम औरत से रंडी बन जाओगी।राज ने आगे कहा सानिया भगवान ने मेरी किस्मत कितनी अच्छी लिखी है कि मैंने ही तुझे चोद कर लड़की से औरत बनाया और अब जब तुम रंडी बन जाओगी तब भी मैं ही बना रहा हूं। मैं हंसने लगी और उसकी गाल को चूम लिया। बस स्टैंड के पास आकर राज ने कहा सानिया मेरा लंड फिर खड़ा हो गया है।मैंने कहा राज दिल तो मेरा भी कर रहा है पर लेट हो जाऊंगी और घरवालों को क्या जवाब दूंगी। राज थोडा़ मायूस सा हो गया तो मैंने कहा राज तुम मुझे किर से गा़ल के कच्चे रास्ते पर ले चलो वहां कुछ करते हैं और जब बस गांव पहुंचेगी तब मैं भी निकल जाऊंगी। राज ने गाडी़ तेजी से चलाई और जल्दी ही हम कच्चे रास्ते पर पहुंच गए।राज ने गाडी़ पेडो़ं के झुंड के बीच लगा दी और हम एक-दूसरे को चूमने लगे। राज ने गाडी़ सी सीटें पीछे की तरफ गिरा दीं और मेरी जींस नीचे करके मेरी चूत चाटने लगा। फिर मैंने उसको सीट पर बैठा कर उसका लंड चूसा और फिर मैं उसकी गोद में आ गई। पहले मैं उसका लंड अपनी चूत में लेकर चूत चुदवाई और फिर गांड में लंड लेकर उछलने लगी। वो मेरे बूब्ज़ दबाते हुए मेरी चुदाई करने लगा।आखिर उसने अपना वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया। हमने कपड़े ठीक किए और तभी बस के हॉर्न की आवाज़ सुनाई दी। मैं वहां से निकल कर घर आ गई और राज वापिस चला गया। रात को राज का फोन आया कि वो और भोला शनिवार को चुदाई करेंगे और मुझे टाईम से आने को कहा क्योंकि रविवार शाम को भोला ने पंजाब अपने घर चले जाना था। मैंने हां कर दी।अभी शनिवार आने को चार दिन बाकी थी और मैं एकसाथ दो लंड लेने की कल्पना करके बहुत गर्म हो रही थी। लग रहा था जल्दी शनिवार आ जाए। शुक्रवार को जब मैं कॉलेज से घर गई तो अब्बा ने पूछा सानिया कल को कॉलेज़ में कोई जरूरी काम तो नहीं तो मैंने कहा नहीं अब्बा कुछ नहीं है।अब्बू ने कहा कल कॉलेज मत जाना क्योंकि कल को हम सब मामा जान के घर जा रहे हैं। मुझे अपने अरमानों पर पानी फिरता नजर आने लगा। मैंने कहा अब्बा कॉलेज में तो कुछ खास नहीं है लेकिन सोमवार को एक जरूरी टेस्ट है उसकी तैयारी करनी है। साथ ही एक झूठ और बोला कि उस टेस्ट में अच्छे नंबर आना जरूरी है ये नंबर फाइनल पेपरों में भी लगने हैं।अब्बा ने कहा लेकिन हमें जाना ही होगा मामा जान का बेटा बीमार है तो वहां तीन चार दिन लग जाएंगे टेस्ट तो नहीं दे पाओगी। मैंने कहा अब्बा बहुत जरूरी है नहीं तो नंबर कम आएंगे तो अब्बा बोले कोई बात नहीं नंबर कटते हैं तो कटने दो यहां अकेले नहीं छोड़ सकते। मेरा चेहरा उतर गया और अम्मी का दिल पसीज़ गया।अम्मी बोली मेरी लाडली बेटी मायूस मत हो मैं कुछ करती हूं। अम्मी ने अब्बा से कहि देखो जी बेचारी का चेहरा कैसे उतर गया है। नसीब से ऐसी बेटी मिली है जोओ इतनी मेहनत से पढ़ाई करती है। हम चले जाते हैं ये यहां रहकर पढ़ लेगी। इसके पास फातिमा अम्मा रह जाएगी हम उसको बुला लेते हैं।अब्बा ने हां कर दी और फातिमा अम्मा को बुला लिया। फातिमा अम्मा गांव से ही है और दूर के रिश्ते में है। उसकी आयु 70 साल से ज्यादा है। उसको कम दिखाई देता है और सुनाई बिल्कुल भी नहीं। मैं खुश हो गई कि काम बन गया और अम्मी की बातों पर हंसी आई कि मैं मेहनत से पढ़ाई नहीं चुदाई करुंगी।रात को मैंने राज को फोन किया और पूछा क्या वो रात को मेरे घर आ सकते हैं। उसने हां कर दी और मैंने साथ में शराब, सिगरेट, बीयर और सेक्स की गोलियां लाने को भी कहा। पहले घर से बाहर शराब सिगरेट पीती थी तो कम पीती थी ताकि घर में पता न
चल जाए पर अब कोई डर नहीं था तो खुल के नशा करना था।अभी सोने ही लगी थी कि मन में आया कि क्यों न नशीले कैप्सूल का मजा भी किया जाए। मैंने फिर राज को फोन किया और नशे के कैप्सूल के बारे पूछा। उसने बोला ले आएगा और मैं सो गई।यह हिन्दी सेक्स कहानी अभी जारी रहेगी, पढ़ते रहिएगा..[email protected]

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