This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series
Category: Hindi Chudai Kahani
कालिया का दिल जवान सिम्मी पर आ गया – हिन्दी सेक्स स्टोरी
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Fuferi Bhabhi Ko Unhi Ke Bistar Par Choda
नमस्कार साथियो, मैं संजय कुमार मिश्र इलाहाबाद उत्तर प्रदेश से हूँ लेकिन दिल्ली में पिछले 15 साल से रहता हूं. मेरे बारे बिस्तर से जाने के लिये मेरी पिछली कहानी मुहबोली भाभी को गर्म करके चोदा. और दोस्त के साथ उसकी बहन की चुदाई वाला कहानी जरूर पढ़ ले.मेरी सभी कहानिया देसी कहानी पे आपको मिल जाएगी. साथियो ये कहानी नही बल्कि मेरी हकीकत है. साथियो जब मैं छोटा था तभी से सेक्सी कहानियों की किताबें पढ़ता था. तो चुदाई के बारे में काफी कुछ जनता हूँ. वैसे भी देसी कहानिया का कोई भी ऐसी कहानी होगी जिसे मैंने पढा न हो.पहले आप सभी को मैं अपने बारे में बता दूँ. मैं शादीशुदा हूँ. 2 बच्चे भी है. बीबी से भी खुश हूं. मगर बचपन से ही मुझे सेक्स का बहुत ज्यादा नशा रहता है.मैंने लगभग अपनी सभी भाभियो पे हाथ मारा है. यहाँ तक कि जिस भाई से ज्यादा डरता हूँ. उस भाभी को और ज्यादा हँसी मजाक करता था. ताकि भाभी मुझसे पटी रहे और भाई लोगो के प्रकोप से भी भाभी जी बचाये. कितनी भी दूर की रिस्तेदारी क्यो न हो.क्योंकि मेरा अंदाजा है, कि लड़की पटाओ तो भाव खाती है. और भाभी यदि पत्नी वाली है तो तुरंत पट जाएगी. कहा गया है. न कुँवारी को न चोदिये चुत पे करे घमण्ड चुदी चुदाई चोदिये जो लपक के लेवे लन्ड.ये कहानी भी मेरी सबसे छोटी भाभी की ही है. जिनकी शादी भी मेरे शादी के समय ही हुई थी और इस समय भाभी की उम्र लगभग 30 के आस पास होगी. मेरे लगभग सभी रिलेटिव दिल्ली में ही रहते है.हालांकि मैने आपको बताया न कि लगभग सभी भाभियो पे हाथ साफ किया है. ये भी मेरी फुफेरी भाभी थी. मेरी सभी भाभियां एक से बढ़कर एक है. 25 से लेकर 45 साल तक कि लगभग सभी भाभियो पे मैने अपना हाथ साफ किया है.यहाँ तक कि कभी कभार जब मैं ड्रिंक करके आता था तो एक दो भाभियो से वीडियो कॉलिंग करता था व्हाट्सअप पे और ओ भी पूरा नंगा होकर.भाभी भी मुझे वीडियो पे अपनी चुत और चुचियो कि झलक दिख दिया करती थी. हँसी मजाक तो खुल्लम खुल्ला हर भाभी से करता हूँ. और मेरी भाभियां भी मुझे बहुत पसंद करती है.दोस्तो यहाँ पे मैंने सिर्फ नाम बदला है. और किसी भी भाभी का नाम और नही लिखा सिर्फ प्राइवेसी के लिये. खैर आपको ज्यादा बोर न करते हुए सीधे कहानी पे लेकर चलता हूं. इनसे हँसी मजाक हमेशा चलता था.भाभी को बच्चा काफी देर से हुआ. तो बेटे को पिलाते समय खिलाते हुए जब भी भाभी को देता तो एकाध बार भाभी के बूबस दबा दिया करता था. भाभी भी हसके टाल देती थी.मेरी बीबी मायके गयी हुई अभी से 2 महीने पहले की बात है. मेरे भैया गाँव गए थे. तो मैं किसी काम से भाभी के पास गया रात का टाइम था. तो भाभी बोली संजय खाना खाके तब जाना. मैंने कहा ठीक है भाभी.फिर भाभी ने खाना बनाया हम सबने खाना खाया. खाते खाते रात के 11 बजने वाले हो गए तो भाभी बोली यही सो जाना. रात में कहा जाओगे. मैं तभी समझ गया था. आज भभी को चोदना है.भाभी मेरी थोड़ी मोटी और छोटी सी है. जैसा कि मैंने बताया था कि मेरी भाभी से खुल्लम खुल्ला हँसी मजाक चलता है तो मैंने भाभी को बोला भाभी अकेले मुझे नीद नही आती.भाभी भी समझ गयी थी आज ये चोदे बिना नही मानेगा. भाभी का बेटा जो कि 2 साल का है. ओ जल्दी सो गया. तो मैने ऐसे ही भाभी के बदन पे हाथ फेरा तो भाभी ने मेरा हाथ झटक दिया.वो बोली शरारत नही. मैंने कहा भाभी कुछ करूँगा नही. सिर्फ हाथ रखके सो जाऊंगा. भाभी भी जानती थी बगैर चोदे तो छोड़ेगा नही तो भाभी दूसरी तरफ मुह करके सो गई. और मैं भाभी के पीछे था.तो भाभी के बूब्स को दबाने लगा. मैं गर्मी हो या ठंड सोता हमेशा अंडरबीयर में ही हूँ. तो भाभी भीअब गर्म होकरमेरी तरफ मुड़ गयी तो सबसे पहले मैंने भाभी को बोला भाभी कपड़े उतार दो.भाभी भी गर्म हो गयी थी तो उन्होंने मन नही किया मैंने भाभी की नाइटी उत्तर दी अब भभीमेरे ब्रा और पेटीकोट में खड़ी थी. दोस्तो मुझे पेटीकोट खोलने में बड़ा मजा आता है.तो मैंने भाभ
ी का पेटीकोट और ब्रभी खोल दी. अब भाभी मेरे सामने बिल्कुल न्नगी खड़ी थी. भाभी ने भी खिचके मेराअंडर बियर उतार दिया. मेरा खड़ा लन्ड देखते ही भाभी का मुह खुला रह गया ओ बोली इस लन्ड से तुम अपनी बीबी को चोदते होकैसे झेलती होगी बेचारी.वत्सव में मेरा लंड बहुत बड़ा है. तो मैंने अब भाभी को लिटाया और दोस्तो चुदाई से पहले चुत चूसने और लंड चुसवांने का शौक है. लेकिन भाभी लन्ड मुह में लेने से मना करने लगी.तो मैंने भी ज्यादा जोर नही दिया. और भाभी की चूत चूसने लगा तो भाभी जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी.जब भाभी से बर्दास्त करना मुश्किल हो गया तो उन्होंने मेरा लंड मुह में लेलिया मैंने उनकी तरफ देखा तो मेरा लन्ड मोटा ज्यादा है तो पूरा नही गया था मेरी निगाह उनसे मिलते ही मुस्कराने लगी और काफी देर 69 पोजिशन के बाद मैंने उन्हें बीएड पे लिटाया और अपने लन्ड के टोपे को भाभी के चुत पे रगड़ने लगा.रगड़ते ही भाभी के चुत से तो जैसे नाली भतीहै उस हिसाब से पानी निकलनेलगा. तो भाभी जबरदस्ती मुझे नीचे लिटाकर मेरे लन्ड को अपनी चुत में ले लिया. और उछलने लगी.फिर काफी देर बाद जब भाभी थक गई पर अब भी नीचे थी और मैं उनके उपरकुच देर इस तरह से चोदने के बाद मैंने भाभी को कुटिया बनाया औरपीछे से धक्के पे धक्के लगाने लगा.भाभी भी मस्ती में आह हाय यह आह करने लगी. अब तक भाभी दूसरी बार झड़ गयी लेकिन पता नही क्यो मेरे लंड से अब तक पानी नही निकला.फिर से भाभी नीचे लिटाया और कुछ देर में भी पानी निकलने वाला था तो भाभी से पूछा भाभी कहा निकालू तो उन्होंने अंदर निकालने से मना कर दिया. तो मैने भाभी के पेट पे सारा मल निकाल दिया.भाभी के चेहरे से लग रहा था भाभी चुदाई से संतुष्ट है. फिर हम पानी वगैरह पिये और लेटकर बात करने लगे फिर भाभी बोली नीद आरही है अब सो जाएं.तो मैंने कहा भाभी एक बार और हो जाये तो भाभी का भी मन था चुदवाने का. फिर से दोबारा हम लोगो ने चुदाई की इस बार की चुदाई और ज्यादा चली फिर हम नंगे ही एक दूसरे को अपने बाहों में पकड़कर सो गए.दोस्तो एक बात तो सच है पहले मैं कहानियों में पढ़ता था. मगर अब अनुभव भी है. जो मजा भाभी और साली की चुदाई में है ओ मजा कही और नही.अभी तक किसी साली को नही चोद पाया हूं. लेकिन एक साले की बीबी है जिन पे मेरी नियत खराब है. उसकी चुदाई भी करते ही उसकी कहानी आपको बताऊंगा.सुबह भाभी ने मेरे ऊपर चद्दर डाल दी. फिर मैं उठा और निकल गया अब तो भाभी को हफ्ते में एक दो बार उन्हें अपने लन्ड की खुराक देने लगा.जब तक मेरी बीबी नही आई तब तक मैंने भाभी को कभी घुमाने के बहाने ले जाकर बुद्धा गार्डन में तो कभी अपने घर ऐसे करके भाभी को खूब चोदा.बीबी के आने के बाद भी मैं आये दिन भाभी की चुदाई करता रहटा हूँ. भाभी ने ही अपनी एक सहेली जो कि उनके नीचे के फ्लोर पे रहती है. उनकी चुत भी भाभी ने ही दिलवाई. लेकिन वो कहानी बाद में!उनकी पड़ोसन की चुदाई के बाद मैन भाभी की गाड़ कैसे मारी ओ अगली बार बताऊंगा. आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी. मुझे मेल या हैंगआउट पे बताना.[email protected]
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मेरी इस इंडियन चुदाई स्टोरी में अपने पिछले एपिसोड में पढ़ा.. एक नकाब के पीछे मेरा पति मुझे कोई और औरत समझ कर चोद रहा था, पर तभी अचानक पास बेठे मेरे भाई ने मेरी चोदने की इच्छा मेरे पति को जाहिर करी, अब आगे..अमित ने मेरे पति की तरफ देख कर प्रस्ताव रखा कि अब वो करना चाहता हैं। मैं दुआ करने लगी कि मेरे पति मेरी इज्जत मेरे ही भाई के हाथों लूटने को ना दे दे।पर आज शायद मेरी किस्मत अच्छी नहीं थी। मेरे पति ने मेरे ऊपर से उठना शुरू कर दिया, और मैंने डर के मारे अपने दोनों हाथों से उनको पीठ को दबोच कर फिर अपने सीने से चिपका लिया।अमित बोला – लगता हैं ये तुमसे ही चुदवाएगी, पर सबका नंबर तो लगना चाहिए, बोलते हुए मेरे हाथों की पकड़ को ढीला करने लगा।पति भी जोर लगा के मेरे ऊपर से हट गए। पति के हटते ही मैंने करवट बदल अमित से दूर जाने की कोशिश की, पर उसने मेरा एक हाथ पकड़ ही लिया।अमित मुझे अपनी ओर खींचने लगा, तब तक पति मेरी दूसरी तरफ आये और मेरा दूसरा हाथ पकड़ लिया।उन दोनों ने मेरा एक एक हाथ बिस्तर से सटा के दबा के रखा था। अब उन्होंने अपने दूसरे हाथ से झपट्टा मारते हुए मेरा एक एक मम्मा दबोच लिया और मसलने लगे।मैं अपने पाँव पटक पटक छटपटाने लगी। एक बेलगाम घोड़ी को इस तरह बिदकते देख उनको ओर ज्यादा मजा आ रहा था।अमित ने पति को बोला “इसके पाँव पकड़” और दोनों ने मेरे मम्मे छोड़ दिए।पति ने मेरा एक पाँव पकड़ कर बिस्तर पर ही दबा लिया। मैं अपना दूसरा पाँव पटकती रही।अमित ने अब अपनी एक टांग लंबी कर के मेरे तड़फते हुए पाँव में लपेट कर झकड़ लिया ताकि में उसे हिला ना पाऊ।अब उसने मेरी टांग को दूसरे से दूर करना शुरू कर दिया। मेरी दोनों टांगो के बीच का गैप बढ़ने लगा और चुत भी खुलने लगी।अब अमित ने अपना हाथ मेरी खुली चुत पर रख दिया। अब वो मेरी चुत की दरारों में ऊँगली फिराने लगा और मैं अपने आप को छुड़ाने की नाकाम कोशिश करती रही।जिन दो लोगो को मेरी रक्षा करनी चाहिए थी वो दोनों ही अभी अनजाने में मेरे भक्षक बने हुए थे। मेरे बचने की सारी आशाएं अब संजू पर थी, पर वो मेरी भाभी के ऊपर निढाल सा पड़ा था।अमित अपनी ऊँगली ओर भी नीचे ले गया और मेरी चुत के छेद के आस पास गोलाई में फिराने लगा।दो तीन बार गोल गोल फिराने के बाद उसने अपनी ऊँगली का ऊपर का एक हिस्सा मेरी चुत में घुसा दिया। जिससे मेरी एक जोर की आह निकली। अगले दो सेकंड में उसकी पूरी की पूरी ऊँगली मेरे अंदर उतर चुकी थी।अब वो मेरे अंदर अपनी ऊँगली चारो तरफ फिराते हुए मजे लेते कहने लगा, “अंदर तो मौसम बहुत गर्म हैं और गीला हैं।”फिर उसने अपनी ऊँगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी। मेरी ना चाहते हुए भी सिसकिया निकलने लगी।वो दोनों हँसने लगे और बोले “अब आया न मजा इसको भी।”तभी मेरी सिसकिया सुनकर संजू उठ गया, अपना सर ऊपर उठाते हुए अमित पर चिल्लाया “अबे छोड़ ना अमित, उसको तेरे से नहीं कराना तो क्यों पीछे पड़ा हैं”अमित ने अपनी ऊँगली मेरी चुत से बाहर निकाल दी। संजू अब उठ खड़ा हुआ। अमित ने मेरे हाथ और पाँव पर पकड़ भी छोड़ दी। पति ने भी मुझे छोड़ दिया। और अमित बिस्तर के कोने पर जाकर बैठ गया।मैं भी अपने घुटने मोड़ कर बैठ गयी और अपने सीने से चिपका कर अपना मुँह घुटनो के बीच छुपा लिया।संजू ने भाभी का हाथ पकड़ कर उनको भी उठाया और उनको बोला “चलो हम वाशरूम में खुद की थोड़ी सफाई करके आते हैं।”अमित ने अपना कंडोम निकाल कर फेंक दिया जो भाभी पर यूज़ किया था। मैंने सर उठा के देखा, संजू और भाभी कमरे के बाहर निकल गए।तभी अमित ने अब दूसरा कंडोम पहन लिया। मैं डर गयी उसके इरादे नेक नहीं लगते।मैं सही थी, पर कुछ समझ पाती उससे पहले ही अमित पीछे मुड़ा और पति से बोला “संजू गया, अब लेते हे इसकी फिर से”।उन दोनों ने मुझे फिर से पकड़ लिया, मैंने विरोध किया। उन्होंने मुझे घुटनो के बल बैठाया और मेर
ी पीठ को दबाते हुए मुझे मुँह के बल नीचे झुका दिया।मेरा मुँह मास्क सहित बिस्तर से चिपका था और पति ने पीठ से दबा कर मुझे वहां चिपका ही रहने दिया।अमित अब मेरे पिछवाड़े आ गया था और मेरे दोनों कूल्हो को अपने हाथों में भर लिया। उसका कड़क लंड रह रह के मेरे नितंबो को छू रहा था।अब शायद वो घड़ी आ चुकी थी जब भाई बहन का रिश्ता तार तार होने वाला था। एक पाप होने वाला था। मेरी आँखों के सामने एक पिक्चर रील चल रही थी जिसमे मेरे पिछले सारे कांड चल रहे थे।मैं आज जिस स्तिथि में थी उसकी जिम्मेदार शायद मैं ही थी। आँखों के सामने चलती हुई वो पिक्चर अचानक थम सी गयी, जब मैंने एक कड़क मांस का लोथड़ा मेरी चुत में धीरे धीरे घुसते हुए महसूस किया। मेरी दिल की धड़कने कुछ सेकंड्स के लिए रुक सी गयी थी। भाई बहन के रिश्ते पर दाग लगा गया था।अमित का लंड पूरा अंदर तक आ गया था और मेरी बच्चे दानी को थपकी मारते हुए फिर धीरे धीरे बाहर आने लगा। पूरा बाहर आने से पहले ही वो रुक गया और एक बार फिर रगड़ करते हुए अंदर जाने लगा। मेरी रुकी धड़कने एक बार फिर चलने लगी।मुझे उन दोनों की हंसी कही दूर से आती हुई सुनाई पड़ रह थी, जब की वो दोनों मेरे पास ही बैठे थे।अमित मुझे पीछे से जोर जोर से चोद रहा था और लाचारी में मेरे मुँह से अनायास ही निकल गया “बहनचोद”। जो कि एक कड़वा सत्य भी था।गाली सुन उसको ओर जोश आ गया और वो ओर भी जोर के झटके मारने लगा।इस सच को स्वीकारने के अलावा मेरे पास कोई ओर चारा न था। अमित के लंड के अंदर बाहर जाते झटको के साथ मेरा सारा विरोध और छटपटाहट धीरे धीरे शांत हो चुकी थी।अब विरोध करने के लायक कुछ बचा ही न था। पति ने भी मेरी पीठ पर से हाथ हटा लिया था।अमित बोला “देखा अंदर लंड जाते ही अच्छी अच्छी घोड़िया शांत हो जाती हैं” और दोनों कहकहे लगाने लगे। मैं अपना चेहरा बिस्तर में घुसाए मास्क के अंदर जैसे रो रही थी।अमित का इसका कोई असर नहीं हुआ, उसने झटके मारना जारी रखा और सिसकिया भी निकालते जा रहा था। मेरे पहले विरोध करने पर वो जितने जोर के झटके मार रहा था अब मेरा विरोध ख़त्म होने पर उसके झटको में उग्रता नहीं रही थी।संजू और भाभी ने हँसते हुए एक बार फिर कमरे में प्रवेश करते हैं। वहाँ की हालत देखकर संजू दंग रह गया।वो एक बार फिर अमित पर चिल्लाया “अरे अमित तुझे मना किया था इसको छोड़ दे पर तू फिर शुरू हो गया।”अमित ने भी जवाब दिया “तेरी क्या बहन लगती हैं जो बार बार बचा रहा हैं?”अब संजू भला क्या बोलता। मुझे तो इसमें ही सांत्वना मिल गयी कि पति ना सही मेरा पहला प्यार ही मुझको बचाने की कोशिश तो कर रहा हैं। हालाँकि इस स्तिथि में फंसाने का जिम्मेदार भी वो ही था।संजू ने अमित के सामने प्रस्ताव रखा कि भाभी एक बार फिर से तैयार हैं करवाने के लिए तो वो उन के साथ कर ले और मुझे छोड़ दे।पर अमित ने मना कर दिया और भाभी को बोला “माफ़ करना पर आपको थोड़ी देर पहले ही चोदा था पर कुछ नया नहीं लगा, पर इस पूर्वी को चोदने का एक अलग ही नशा आ रहा हैं।”बाकि लोग तो वैसे भी समझ चुके थे कि भाभी को तो वैसे भी अमित रोज चोदता हैं तो मजा कैसे आएगा।संजू अब मेरी पीठ पर हाथ फेर सहलाने लगा और बोला “चिंता मत कर शरीर ही तो हैं, कौन चोदता हैं क्या फरक पड़ता हैं, तुम मजे लो।”अब पति ने भी अमित से डिमांड की के मिलकर करते हैं। अमित मान गया एक से भले दो। अमित और पति मिलकर मुझे बिस्तर से उतार नीचे लाये।पति एक कुर्सी पे जाकर बैठ गए और मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। अमित ने मेरे दोनों पैर ऊपर उठाये और घुटनो के बल मोड़ते हुए पति की दोनों जांघो पर मेरे दोनों पैर के पंजे टिका दिए।मैं एक ग़ुलाम की तरह उनके आदेश मानने के अलावा कुछ कर भी नहीं सकती थी।पति ने अब अपना कंडोम निकाल दिया और अपना लंड पकड़ा और मेरी गांड में घुसाना शुरू कर दिया। दर्द से मेरी भी एक चीत्कार निकली।
उन्होंने अब अपना पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया और अब मेरी कमर पकड़ कर मुझे ऊपर नीचे करने लगा।मेरे पति ने अब अपनी दोनों टाँगे फैलानी शुरू की जिससे उस पर रखी मेरी टाँगे भी खुलने लगी। संजू और भाभी बिस्तर पर बैठे इस नज़ारे का आनंद ले रहे थे।अमित अब आगे बढ़ा और हम दोनों की टांगो के बीच आकर मेरी चुत को रगड़ने लगा और अपना अंगूठा चुत की खुली दरार में डाल कर फिराने लगे। मैं भी अब तड़पने लगी थी और सिसकिया मारने लगी।अब अमित घुटनो के बल बैठा और अपना लंड पकड़ मेरी चुत की खुली दरारों में पर ऊपर नीचे रगड़ने लगा। रगड़ते हुए अचानक मेरे खुले छेद में उसने अपना लंड घुसेड़ दिया। अमित ने अपने दोनों हाथ मेरे मुड़े घुटनो के नीचे डालें और पाँव को थोड़ा उठा दिया।एक तरफ अमित सामने से आगे पीछे झटके मार कर मजे दिला रहा था, तो नीचे से मेरा पति अपना लंड मेरी गांड में अंदर घुसाए ऊपर नीचे करने की कोशिश कर रहा था।पति ने अब मेरी कमर छोड़ी और मेरे दोनों मम्मे पकड़ लिए और मसलने लगे। फिर उन्होंने मेरी तनी चूंचिया दो ऊँगली में दबा नॉब की तरह घुमाने लगा.मेरा भाई और पति मेरे दोनों छेदो में अपना लंड घुसाए मुझे मजा दिला रहे थे। मैं भी अब अह्ह्ह्ह उह्ह्ह करते हुए लगातार सिसकिया निकाल रही थी।क्योकि अंत में मै भी थी तो एक औरत, उस मजे को नजर अंदाज भी नहीं कर सकती थी।पति भी अब जोर जोर से सिसकिया निकालने लगे और मेरी चूंचिया छोड़ मेरी कमर पर हाथ रख एक बार फिर मुझे ऊपर नीचे करने लगा। थोड़ी ही देर में उन्होंने जोर की चीख निकाली और उनका सारा गरम पानी मेरी गांड में छूट गया।अमित अब भी मुझे आगे से चोदे जा रहा था। हम तीनो की हालत देख संजू और भाभी का फिर से मूड बनने लगा।संजू हमारी तरफ टाँगे कर बिस्तर पर लेट गया और भाभी हमारी तरफ पीठ कर संजू पर झुकी। उनका मुँह दूसरी तरफ था तो भाभी ने हिम्मत कर अपना मास्क निकाल दिया और संजू का लंड चूसने लगी।जबकि उनको इतना भी डर नहीं था कि उनका चेहरा उनके पति को दिख जाएगा।अब आगे मेरी इस इंडियन चुदाई स्टोरी में क्या नया मोड़ आता है, अब वो तो आने वाला वक्त या यु कहो की अगले एपिसोड में ही पता चलेगा।
Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 11
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Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 42
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Kuch Bhi Ho Sakta Hai – Part 2
हैलो दोस्तों, अब तक आपने पढा की मानसी की देस्ती तमन्ना से हो जाती है, और बहुत जल्दी वो बहुत अच्छी दोस्त बन जाती है। लेकिन मानसी को एक बिमारी है, जिसके बारे मे कोई भी नही जानता था।मानसी अगर एक बार सो जाये, तो वो इतनी गहरी नीद मे चली जाती है कि उसके साथ कुछ भी होता रहे। इसके बारे उसको पता नही चलता, आप सोच रहे होंगे कि उसकी इस बिमारी का पता किसी को क्यों नही चला। तो मै आपको बता दुं वो जमीदार घर की इकलोती लडकी थी, घर पर भी जब वो एक बार सो जाती थी।तो कोई उसको जगाता नही था इसलिए किसी को कुछ पता नही लगा की कब ये उसकी बिमारी बन गई।अब कहानी पर आते है, मानसी एक बहुत ही सुन्दर रुप रंग की मालकिन थी।एक दिन मानसी और तमन्ना आफिस के बाहर खडी होकर बातें कर रहीं थी, तो जीत तमन्ना से पैसे लेने उसके पास आता है। लेकिन उसकी नजर जब मानसी पर पडी तो उसके रुप रंग को देख कर उसका दिवाना हो गया, और उसे खा जाने वाली नजर से देखने लगा।और वो तमन्ना के पास गया और तमन्ना ने मानसी से कहा ये मेरा छोटा भाई है।और फिर वो अपने भाई के साथ घर आ गई, लेकिन जैसे ही तमन्ना जीत के साथ घर आई तो घर पर कोई नही था। मौका देख कर जीत तमन्ना पे टूट पडा, और तमन्ना की चुत मारते हुये कहने लगा यार तेरी सहेली बहुत खुबसूरत है। मुझे उसकी चुत दिला दे नही तो मैं तेरी भी नही मारुंगा।तमन्ना जीत के लंड की दिबानी बन चुकी थी,तमन्ना – तुम चिन्ता मत करो मैं कुछ करती हुं।और हर बात के लिये मुझे धमकी मत दिया कर।और फिर खुशी के मारे जीत तमन्ना की चुत मे और जोर से धक्के लगाने लगा, और तमन्ना के चुचे दबाने लगा। और फिर जीत ने तमन्ना की टांगों को ऊपर उठा कर अपना लंड़ तमन्ना की गांड के छेद पर रख दिया।आज वो कुछ ज्यादा ही जोश के साथ चुदाई कर रहा था। तमन्ना अचानक से चौंक गई जब उसे पता चला की जीत का लंड उसकी गाड़ मे घुस रहा है, वो सभल पाती उससे पहले ही जीत ने एक जोर का धक्का मारा और जीत का लंड़ तमन्ना की गाड़ को चीरता हुआ अंदर दाखिल हो गया।जीत हल्के हल्के धक्के लगाने लगा, और थोडी ही देर बाद उसने अपने लंड का सारा रस तमन्ना की चुत मे छोड दिया।अगले दिन जब तमन्ना मानसी से मिली तो थोडी परेशान थी। ये तो आप को पता है कि वो क्यों परेशान थी। लेकिन मानसी के पुछने पर उसने कारण अपने भाई की पढाई बताई कि उसको लगता है उसका भाई इस बार फिर फेल हो जायेगा।मानसी ने कहा अगर ये परेशानी है , तो तुम चाहो तो मैं तुम्हारे भाई को पढा सकती हुं। अगर वो पढना चाहे तो, मगर मै 7 बजे शाम से ही पढा सकती हुं।तमन्ना – ये तो ठीक है लेकिन तुम हमारे घर कैसे आओगी हमारा घर तो बहुत दुर हैं।मानसी – मेरे घर पर कोई नही रहता तुम चाहो, तो मेरे घर अपने भाई के साथ आ सकती हो आखिर वो मेरा भी तो भाई है।तमन्ना ने खुशी से मानसी को अपने गले से लगा लिया और वो बोली – तुमको नही पता तुमने मेरी कितनी बडी चिन्ता कम कर दी है।और फिर शाम को तमन्ना अपने भाई को लेकर मानसी के घर पहुच गई, और मानसी जीत को पढाने लग गयी। जीत भी किसी सरीफ लडके कि तरहा पढाई करने लग गया। और ऱात को अपनी बहन के साथ वहीं सो जाता था, बहुत जल्दी मानसी ने उस पे भी भरोसा कर लिया और जीत को अपने भाई की तरह प्यार करने लग गयी।एक दिन तमन्ना ने जीत से कहा की आज तुम अकेले ही जाना और उसने मानसी को फोन कर दिया की पापा की तबीयत खराब है मै नही आ रही हुं।जब रात के 9 बजे तक भी जीत मानसी के घर नही पहुचा। तो वो नहा कर एक टु पीस नाइटी मे बिस्तर पर लेट गई। उसे कब नीद आई उसे पता नही चला और जीत जब मानसी के घर के लिये निकला था, तो उसके दोस्तो ने रस्ते मे उसे रोक कर बीयर पिला दी इसलिये वो पहुचने मे लेट हो गया।जीत जब मानसी के घर पहुचा तो दरबाजा खुला था, वो रोज की तरहा अन्दर गया लेकिन जैसे ही वो मानसी को ढूंडता हुआ मानसी के कमरे मे पहुचा। तो अन्दर का नजारा देख कर उसके जैसे हो
श ही उड गये।मानसी सामने एक टू पीस नाइटी मे बैड पर लेटी हुई थी, जिन चुचों को वो कपडों के अन्दर खा जाने कि नजरों से देखता था। आज वो नाइटी के गले से बाहर निकले हुये थे, और मानसी की दोनों टांगे अलग दिशाओं मे खुली हुई थी।और मानसी की फुली हुई अनछुई चुत जीत को मुह खोल कर ललकार रही थी की दम है तो चोद मुझे। जीत को तो जैसे हजारों बोल्ट का झटका लग गया हो, उसकी समझ मे नही आया ये क्या है।उसने मानसी को बहुत आवाज लगाई मगर मानसी नही उठी। जीत घबरा गया और वो मानसी के पास गया और उसकी नाक पे हाथ लगा कर देखा तो उसको तसल्ली हो गई मानसी की सांस चल रही थी।जीत को लगा हो सकता है मानसी बेहोश हो गई है, उसने सोचा चलो अच्छा ही है और जीत ने अपना एक हाथ मानसी के चुचे पर रख दिया और मानसी के चुचे दबाने लग गया। मानसी ने कुछ नही किया जीत ने अपना मुह मानसी के चुचे पर रख दिया, और हिम्मत करके मानसी की चुत को सहलाने लग गया।तभी मानसी ने अपना हाथ जीत के सर पर रख दिया जीत अचानक से बहुत घबरा गया। मगर जब मानसी ने और कोई प्रतिक्रिया नही दिखाई, तो जीत ने मानसी का हाथ अपने सर से हटा दिया।और अपने कपडे उतार कर बैड पर आ गया और मानसी की नाइटी के सारे बटन उसने खोल दिये। और मानसी को सीधी लिटा कर मानसी के दोनों चुचे बारी बारी से चुसने लगा, और थोडी देर युं ही चुसता रहा फिर जीत ने मानसी की दोनों टांगे फैला दी।और मानसी की नन्ही सी गुलाबी चुत को देखने लगा बहुत सुंदर चुत थी। उसकी जैसे किसी गुलाब की पंखुडी आपस मे मिली हों, जीत ने अपने होठ मानसी की कोमल चुत पर रख दिये आज तो जीत की किस्मत ही खुल गई थी।जीत मानसी की चुत ऐसे चुस रहा था, कि मानो आज ही उसा सारा रस खत्म कर देगा। जीत का लंड फटने को हो रहा था, अब उससे सहन नही हो रहा था। और जीत ने अपने लंड पर बहुत सार थुक लगाया और अपने लंड को मानसी की चुत पर सेट करके हल्का हल्का धक्का लगाने लगा।थोडी देर मे जीत के लंड का सुपाड मानसी की चुत मे घुस गया, लेकिन मानसी के मुह से उफ तक नही निकली। तो जीत की हिम्मत और बढ गई, और उसने एक जोर का धक्का लगाया और जीत का आधे से भी ज्यादा लंड मानसी की चुत मे घुस गया।और मानसी की चुत से खुन बहने लगा मगर मानसी नही उठी बस हल्की सी कसमसाई जीतने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरूकर दिये। और थोडी ही देर मे जीत का पूरा लंड मानसी की चुत मे समा गया जीत अब भी धीरे धीरे ही धक्के लगा रहा था।क्योंकि उसे डर था कही मानसी उठ न जाये जीत लगभग 40 मिनट तक मानसी कि चुदाई करता रहा। मगर मानसी ने करवट भी नही ली, जीत चुदाई खत्म करके मानसी को ठक कर दरबाज बंद करके अपने घर आ गया।और उसने तमन्ना को सारी घटना बता दी मगर तमन्ना को उसकी बात पर यकिन नही आ रहा था। सुबह के समय जब मानसी की ऑख खुली तो वो जैसे ही खडी हुई उसके पेट मे और उसकी टागों के बीच बहुत दर्द हो रहा था।उससे चला भी नही जा रहा था, मानसी इतनी सीधी थी के उसे अहसास नही हुआ की उसकी चुदाई हुई है। मानसी ने फोन करके आफिस से छुटटी ले ली और तमन्ना को फोन करके अपनी बिमारी की बात कहने लगी।तमन्ना डर गई और जीत के साथ मानसी के घर पहुची और उससे कहा कोई घबराने कि बात नही है तुम ओपन सो गई थी ना रात मे कोई कीडा कट गया है सुजन आ गई है मैं सेक लगा देती हुं आराम मिल जायेगा।तमन्ना मानसी की चुत पर सेक लगाने लग गयी, मानसी की चुत का हाल देख कर तमन्ना ने मानसी से पुछा कल रात को क्या तुमने कोई नशा कर रखा था। मानसी ने कहा तुम ऐसा क्यों पुछ रही हो।तमन्ना हसते हुये बोली इतना बडा कीडा काट गया, और तुझे पता भी नही चला मानसी को क्या पता था तमन्ना किस कीडे की बात कर रही है।दोस्तों अभी कहानी मे बुहत सारा मजा और सेक्स बाकि है, इसलिए मेरे साथ जुड़े रहिये।