हाय दोस्तों मैं आपकी अंजलि आप सब कैसे हों? उम्मीद है आप सब ठीक होगे, आज एक बार फिर से मैं अपनी एक नयी कहानी लेकर आप आगे हाजिर हूँ। तो दोस्तों ज्यादा समय ना लेते हुए, मैं अपनी कहानी पर आती हूँ।मेरी उम्र 36 साल है, और मेरा जिस्म 38-34-40 का है। मुझे हर कोई चोदना चाहता है ऐसा मेरा बदन है, अब ज्यादा समय ना लेते हुए मैं अपनी कहानी पर आती हूँ।मैं शादी नहीं करना चाहती थी, क्योकि शादी के बाद आजादी खो जाती है। लेकिन घर परिवार समाज सब देखना पड़ता है, जब मै 28 की हुई तो मेरे रिश्ते आने शुरू हो गये थे।जब मै 29 की हुई तो मेरी शादी हुई, मेरा पति मुझसे 13 साल बड़ा था और वो काफी मोटा भी था। लेकिन घर परिवार अच्छा देख कर मेरी परिवार ने मेरी शादी वहाँ करा दी।मेरी सुहागरात के दिन मुझे पता चला, कि मेरा पति मुझे चोद नहीं सकता है और सेक्स करने में भी ढीला है। लेकिन अब मैं क्या कर सकती थी, क्योकि अब मेरी शादी तो हो चुकी थी।ऐसे हि 6 महीने हो गए और फिर मेरी अपने पति से लडाई हो गयी, और उन्होंने एक अपना अलग घर ले लिया। अब वो बदनामी के डर से मेरे पति ने अलग घर में रहते थे।मेरा पति सुबह 8 बजे फैक्ट्री निकल जाते थे, और रात में घर आते थे। अब मै दिन में अकेली रहती थी, तो एक दिन मैंने एक सेक्स साईट देखी, और उस साईट पर ज्यादातर लड़के और मर्दों की डीपी पर मोटे लंबे लंड वाली डीपी लगी हुई थी।मैं यह सोचती थी कि क्या ये सच में होते होगे? फिर एक दिन मैंने ऐसे ही एक लड़के को रिक्वेस्ट कर दी, और उसने दूसरे दिन एक्सेप्ट कर ली।फिर उसने मुझे मेरा नाम पूछा और मैंने उसे अपना नाम बता दिया, और मैंने उसका नाम पूछा। तो उसने मुझे अपना नाम नवाब कुरेशी बताया, और उसने अपनी उम्र 26 बताई।फिर वो मुझसे सेक्स चेट करने लग गया, और एक दिन मुझसे उसने मेरे घर का पता माँगा। लेकिन मैंने उसे मना कर दिया, और उसे नहीं दिया। फिर कूछ दिन और चेट करते करते मैंने उसे अपना पता बता दिया। फिर नवाब दूसरे दिन घर आ, मैंने उस दिन ब्लू साड़ी और ब्लाउज पहने हुए थी।नवाब जिंस शर्ट में था और मैं उसे देख कर चौक गयी, और मैं बोली – तू यहाँ?नवाब बोला – साली सेक्स चेट ही करती रहेगी क्या? आज तो मैं सच में तेरे साथ सेक्स करूगा।फिर उसने मुझे अपनी बाहों में लिया, और मुझे उसने कस कर पकड़ लिया। मैं आज पहली बार किसी मर्द की बाहों में थी, मुझे बड़ा अजीब लग रहा था।नवाब अब मुझे चूमने लग गया, और उसके हाथ अब मेरी गान्ड पर घुमाने लग गये। उसने ऐसे हि मुझे 10 से 20 मिनट तक किस किया, और फिर मेरी साड़ी का पल्लू उसने हटा दिया।फिर उसने मेरा एक हाथ अपनी जीन्स में डाल दिया, और मैंने पहली बार उसके लंड का एहसास पाया। फिर नवाब मेरे बोब्स पर हाथ गुमाते हुए मुझे किस करने लग गया।नवाब – ये क्या मस्त है रे मन कर रहा खा जाऊँ।फिर उसने मेरा ब्लाउज उतार दिया और मेरी साड़ी को खोल दिया। अब मैं सिर्फ ब्रा पेन्टी में थी, और उसने अपनी जिंस शर्ट को उतार दिया और नवाब अन्डरवियर में था।फिर नवाब ने मुझे बेड पर लेटा दिया, और मेरी ब्रा पेन्टी को उसने उतार दिया। अब वो मेरी चूत चाटने लग गया और उसने वो उंगली भी डाल रहा था।वो मेरा छेद खोल रहा था, लगभग 45 मिनट तक उसे मेरी चूत चाहटी करी और इसी बीच में जड चुकी थी।अब नवाब ने अपना अन्डरवियर उतारा और मुझे उसने घुटने के बल बिठा दिया। फिर उसने अपने लन्ड का टोपा मेरे होंठो पर घुमाना शुरू कर दिया।नवाब – चल अब अपना मुंह खोल इतना जिसमे मेरा टोपा आए जाये।तब नवाब ने अपना टोपा मेरे मुंह में रखा और पीछे से मेरा सर खिंचा जिससे उसका पूरा लंड मेरे में घुस गया। उसने 5 से 7 मिनट तक अपना लंड अंदर ही घुस्सा कर रखा।इससे मेरी आखे ही फट गयी, फिर नवाब अपना लंड मेरे मुंह के अंदर बाहर करने लग गया। अब वो मेरे मुंह की चुदाई करने लग गया। आज मैं पहेली बार लंड को मुंह में लिया था।लगभग 45 मिनट की मुंह
चुदाई के बाद उसने अपना सारा पानी मेरे मुंह में डाल दिया। मुझे अजीब लगा क्योकि ये मेरे साथ पहली बार हो रहा था।अब मेरा मुंह भी दुख रहा था, क्योकि नवाब ने मेरा मुंह जबरदस्त चोदा था। अब फिर से नवाब ने मुझे बेड पर लेटा दिया, और वो घुटने के बल बैठ गया।अब उसने मेरी दोनों टांगे खोली ओर उसने अपना टोपा मेरी चूत में अंदर डाला। अब वो मेरे ऊपर लेट गया और वो मुझे किस करने लग गया।फिर उसने एक से धक्का दिया और मै चीख नहीं पाई क्योकि मेरा मुह उसने बंद किया हुआ था। लेकिन मेरी आँख से आसु निकल गए थे, और नवाब ने 2 से 3 बार इसे धक्का-मुक्की की ओर उसका लोडा मेरी बचचे दानी को टच कर गया।वो मुझे फिर चोदने लग गया, और अब मैं भी मजे से उससे चुदने लेग गयी। नवाब लगभग 45 से 50 मिनट तक मुझे चोदा और उसका पानी कोन्डम में हि निकाल गया।अब उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी चूत अब गिली हो चुकी थी। नवाब ने फिर अपना कौन्डम उतारा और नवाब ने अपना लंड साफ़ करके मुझे कहा।नवाब बोला – चल अब उल्टी लेट जा।मैं भी उलटी लेट गई और नवाब मेरी गान्ड चाटने और उस पर थपड मारने लग गया। लगभग 30 से 35 मिनट तक उसने मेरी गान्ड अच्छे से चाटी।इसी बीच उसने मेरी गांड पर 15 से 20 थप्पड़ लगाए, और मैं सिर्फ आआआ….. ऊऊऊमम कर रही थी।नवाब बोला – चल साली अब डॉगी बन।मै फिर अपने घुटने के बल अपनी कमर झुका कर डॉगी बन गयी। नवाब ने मेरी गान्ड में अपना लंड डाला और एक से मेरी कमर को पकड़ कर धक्का मारने लग गया।अब वो मेरी गान्ड टोकने लग गया, और इसी नवाब ने लगभग 45 से 55 मिनट तक मेरी गान्ड मारी और उसका पानी फिर से छुट गया। ऐसे ही 2 से 4 राउन्ड हमने चुदाई करी।उसके बाद हम साथ में नहाने गए और मैं बोली – अब और क्या करना है?नवाब बोला – अब तो मैं तुझे डेली चोदुंगा।फिर नवाब डेली आने लगा एक दिन नवाब ने मेरे पति का फोटो मेरे फोन में देखा और वो बोला – ये कोन?मैं – ये मेरे पति है, क्यों क्या हुआ?नवाब बोला – यह फेन्सी है क्या ?मैं – क्या मतलब मैं समझी नही।फिर नवाब ने मुझे फोन में से कूछ फोटो दिखाई, उसे देख कर मैं दंग रह गयी। मेरा पति ने नवाब का अपने मुंह में लिया हुआ था, तब नवाब बोला।नवाब – ये साला गान्डू है, और ये साला मुझसे डेली चुदने आता है। लेकिन 15 दिन बाद ये किसी और को साथ में लाया था।मैं – वो कोन था?नवाब बोला – वो असलम साहब है वो बहुत बड़ा वकील है, में इसने कूछ उधार पैसे लिये है। पर अब मैं दे नहीं पा रहा हूँ, इसलिए तू इने खुश कर दे।फिर नवाब चला गया अब में और असलम थे असलम की उम्र 40 की थी। वो एक दम अट्टा कटटा मर्द था, फिर मैं असलम को रूम में ले गयी।असलम बोला – साड़ी उतार ड्रेस पहन ले।मैं सलवार कुर्ती पेनी में थो जो आम औरते पहनती है, और असलम बोला – बेबी सेक्स मजा नहीं देती, में बहुत औरतों साथ सो चुका हूँ।फिर असलम ने मेरे साथ सेक्स किया, और असलम ने मुझे बिना कोन्डम चोदा। जिससे में माँ बन गयी पर मेरा पति किसी को कूछ नही बोल पाया कि ये बच्चा किसका है।ये सब कैसे हुआ, ये मैं आपको बाद में बतुंगी। पर अभी तो कभी नवाब आता है कवि असलम और उन लोग कोई ना कोई को साथ लाते हैं।तो दोस्तों केसी लगी मेरी कहानी जरूर बताई।
जबरदस्त चुदाई की कहानी
Fuferi Bhabhi Ko Unhi Ke Bistar Par Choda
नमस्कार साथियो, मैं संजय कुमार मिश्र इलाहाबाद उत्तर प्रदेश से हूँ लेकिन दिल्ली में पिछले 15 साल से रहता हूं. मेरे बारे बिस्तर से जाने के लिये मेरी पिछली कहानी मुहबोली भाभी को गर्म करके चोदा. और दोस्त के साथ उसकी बहन की चुदाई वाला कहानी जरूर पढ़ ले.मेरी सभी कहानिया देसी कहानी पे आपको मिल जाएगी. साथियो ये कहानी नही बल्कि मेरी हकीकत है. साथियो जब मैं छोटा था तभी से सेक्सी कहानियों की किताबें पढ़ता था. तो चुदाई के बारे में काफी कुछ जनता हूँ. वैसे भी देसी कहानिया का कोई भी ऐसी कहानी होगी जिसे मैंने पढा न हो.पहले आप सभी को मैं अपने बारे में बता दूँ. मैं शादीशुदा हूँ. 2 बच्चे भी है. बीबी से भी खुश हूं. मगर बचपन से ही मुझे सेक्स का बहुत ज्यादा नशा रहता है.मैंने लगभग अपनी सभी भाभियो पे हाथ मारा है. यहाँ तक कि जिस भाई से ज्यादा डरता हूँ. उस भाभी को और ज्यादा हँसी मजाक करता था. ताकि भाभी मुझसे पटी रहे और भाई लोगो के प्रकोप से भी भाभी जी बचाये. कितनी भी दूर की रिस्तेदारी क्यो न हो.क्योंकि मेरा अंदाजा है, कि लड़की पटाओ तो भाव खाती है. और भाभी यदि पत्नी वाली है तो तुरंत पट जाएगी. कहा गया है. न कुँवारी को न चोदिये चुत पे करे घमण्ड चुदी चुदाई चोदिये जो लपक के लेवे लन्ड.ये कहानी भी मेरी सबसे छोटी भाभी की ही है. जिनकी शादी भी मेरे शादी के समय ही हुई थी और इस समय भाभी की उम्र लगभग 30 के आस पास होगी. मेरे लगभग सभी रिलेटिव दिल्ली में ही रहते है.हालांकि मैने आपको बताया न कि लगभग सभी भाभियो पे हाथ साफ किया है. ये भी मेरी फुफेरी भाभी थी. मेरी सभी भाभियां एक से बढ़कर एक है. 25 से लेकर 45 साल तक कि लगभग सभी भाभियो पे मैने अपना हाथ साफ किया है.यहाँ तक कि कभी कभार जब मैं ड्रिंक करके आता था तो एक दो भाभियो से वीडियो कॉलिंग करता था व्हाट्सअप पे और ओ भी पूरा नंगा होकर.भाभी भी मुझे वीडियो पे अपनी चुत और चुचियो कि झलक दिख दिया करती थी. हँसी मजाक तो खुल्लम खुल्ला हर भाभी से करता हूँ. और मेरी भाभियां भी मुझे बहुत पसंद करती है.दोस्तो यहाँ पे मैंने सिर्फ नाम बदला है. और किसी भी भाभी का नाम और नही लिखा सिर्फ प्राइवेसी के लिये. खैर आपको ज्यादा बोर न करते हुए सीधे कहानी पे लेकर चलता हूं. इनसे हँसी मजाक हमेशा चलता था.भाभी को बच्चा काफी देर से हुआ. तो बेटे को पिलाते समय खिलाते हुए जब भी भाभी को देता तो एकाध बार भाभी के बूबस दबा दिया करता था. भाभी भी हसके टाल देती थी.मेरी बीबी मायके गयी हुई अभी से 2 महीने पहले की बात है. मेरे भैया गाँव गए थे. तो मैं किसी काम से भाभी के पास गया रात का टाइम था. तो भाभी बोली संजय खाना खाके तब जाना. मैंने कहा ठीक है भाभी.फिर भाभी ने खाना बनाया हम सबने खाना खाया. खाते खाते रात के 11 बजने वाले हो गए तो भाभी बोली यही सो जाना. रात में कहा जाओगे. मैं तभी समझ गया था. आज भभी को चोदना है.भाभी मेरी थोड़ी मोटी और छोटी सी है. जैसा कि मैंने बताया था कि मेरी भाभी से खुल्लम खुल्ला हँसी मजाक चलता है तो मैंने भाभी को बोला भाभी अकेले मुझे नीद नही आती.भाभी भी समझ गयी थी आज ये चोदे बिना नही मानेगा. भाभी का बेटा जो कि 2 साल का है. ओ जल्दी सो गया. तो मैने ऐसे ही भाभी के बदन पे हाथ फेरा तो भाभी ने मेरा हाथ झटक दिया.वो बोली शरारत नही. मैंने कहा भाभी कुछ करूँगा नही. सिर्फ हाथ रखके सो जाऊंगा. भाभी भी जानती थी बगैर चोदे तो छोड़ेगा नही तो भाभी दूसरी तरफ मुह करके सो गई. और मैं भाभी के पीछे था.तो भाभी के बूब्स को दबाने लगा. मैं गर्मी हो या ठंड सोता हमेशा अंडरबीयर में ही हूँ. तो भाभी भीअब गर्म होकरमेरी तरफ मुड़ गयी तो सबसे पहले मैंने भाभी को बोला भाभी कपड़े उतार दो.भाभी भी गर्म हो गयी थी तो उन्होंने मन नही किया मैंने भाभी की नाइटी उत्तर दी अब भभीमेरे ब्रा और पेटीकोट में खड़ी थी. दोस्तो मुझे पेटीकोट खोलने में बड़ा मजा आता है.तो मैंने भाभ
ी का पेटीकोट और ब्रभी खोल दी. अब भाभी मेरे सामने बिल्कुल न्नगी खड़ी थी. भाभी ने भी खिचके मेराअंडर बियर उतार दिया. मेरा खड़ा लन्ड देखते ही भाभी का मुह खुला रह गया ओ बोली इस लन्ड से तुम अपनी बीबी को चोदते होकैसे झेलती होगी बेचारी.वत्सव में मेरा लंड बहुत बड़ा है. तो मैंने अब भाभी को लिटाया और दोस्तो चुदाई से पहले चुत चूसने और लंड चुसवांने का शौक है. लेकिन भाभी लन्ड मुह में लेने से मना करने लगी.तो मैंने भी ज्यादा जोर नही दिया. और भाभी की चूत चूसने लगा तो भाभी जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी.जब भाभी से बर्दास्त करना मुश्किल हो गया तो उन्होंने मेरा लंड मुह में लेलिया मैंने उनकी तरफ देखा तो मेरा लन्ड मोटा ज्यादा है तो पूरा नही गया था मेरी निगाह उनसे मिलते ही मुस्कराने लगी और काफी देर 69 पोजिशन के बाद मैंने उन्हें बीएड पे लिटाया और अपने लन्ड के टोपे को भाभी के चुत पे रगड़ने लगा.रगड़ते ही भाभी के चुत से तो जैसे नाली भतीहै उस हिसाब से पानी निकलनेलगा. तो भाभी जबरदस्ती मुझे नीचे लिटाकर मेरे लन्ड को अपनी चुत में ले लिया. और उछलने लगी.फिर काफी देर बाद जब भाभी थक गई पर अब भी नीचे थी और मैं उनके उपरकुच देर इस तरह से चोदने के बाद मैंने भाभी को कुटिया बनाया औरपीछे से धक्के पे धक्के लगाने लगा.भाभी भी मस्ती में आह हाय यह आह करने लगी. अब तक भाभी दूसरी बार झड़ गयी लेकिन पता नही क्यो मेरे लंड से अब तक पानी नही निकला.फिर से भाभी नीचे लिटाया और कुछ देर में भी पानी निकलने वाला था तो भाभी से पूछा भाभी कहा निकालू तो उन्होंने अंदर निकालने से मना कर दिया. तो मैने भाभी के पेट पे सारा मल निकाल दिया.भाभी के चेहरे से लग रहा था भाभी चुदाई से संतुष्ट है. फिर हम पानी वगैरह पिये और लेटकर बात करने लगे फिर भाभी बोली नीद आरही है अब सो जाएं.तो मैंने कहा भाभी एक बार और हो जाये तो भाभी का भी मन था चुदवाने का. फिर से दोबारा हम लोगो ने चुदाई की इस बार की चुदाई और ज्यादा चली फिर हम नंगे ही एक दूसरे को अपने बाहों में पकड़कर सो गए.दोस्तो एक बात तो सच है पहले मैं कहानियों में पढ़ता था. मगर अब अनुभव भी है. जो मजा भाभी और साली की चुदाई में है ओ मजा कही और नही.अभी तक किसी साली को नही चोद पाया हूं. लेकिन एक साले की बीबी है जिन पे मेरी नियत खराब है. उसकी चुदाई भी करते ही उसकी कहानी आपको बताऊंगा.सुबह भाभी ने मेरे ऊपर चद्दर डाल दी. फिर मैं उठा और निकल गया अब तो भाभी को हफ्ते में एक दो बार उन्हें अपने लन्ड की खुराक देने लगा.जब तक मेरी बीबी नही आई तब तक मैंने भाभी को कभी घुमाने के बहाने ले जाकर बुद्धा गार्डन में तो कभी अपने घर ऐसे करके भाभी को खूब चोदा.बीबी के आने के बाद भी मैं आये दिन भाभी की चुदाई करता रहटा हूँ. भाभी ने ही अपनी एक सहेली जो कि उनके नीचे के फ्लोर पे रहती है. उनकी चुत भी भाभी ने ही दिलवाई. लेकिन वो कहानी बाद में!उनकी पड़ोसन की चुदाई के बाद मैन भाभी की गाड़ कैसे मारी ओ अगली बार बताऊंगा. आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी. मुझे मेल या हैंगआउट पे बताना.[email protected]
Bhikhari Ki Dua Se Chut Mil Gayi – Part 2
पिछले भाग में आपने पढ़ा के कैसे घर वालो की गैर मौजूदगी में समीर और नीतू ने मौज़ मस्ती की। अब आगे की कहानी….एक दिन नीतू की मौसी प्रेग्नेंसी की वजह से अस्पताल में दाखिल थी। तो नीतू की मौसी के पास उसकी माँ को रात को रहना था। इस लिए घर पे नीतू के पापा और नीतू दोनों ही थे।मेरी माँ को नीतू के पापा ने बोला के बहन जी, आप आज की रात हमारे यहां रुक जाओ, मुझे किसी जरूरी काम से बाहर जाना है। इस वक्त नीतू अकेली रहेगी। आप तो जानते हो के अकेली लड़की को घर पे कैसे छोड़कर जाऊ।लेकिन मेरी माता ने बताया के भाई साहब मेरी बहु भी यहां नही है, उसके बच्चे मेरे पास है। आप नीतू को ही मेरे यहां भेजदो। यदि मैं आपके वहां आई तो बच्चे भी साथ आयेगे। सो आप नीतू को ही मेरे घर भेजदो।नीतू के पापा को बात अच्छी लगी। उसने बोला, मैं 10 मिनट में भेजता हूँ।जब आधा घण्टा हो गया तब माँ ने बोला,” समीर फोन लगाकर पूछ के नीतू क्यों नही आई। मैंने फोन लगाया तो नीतू ने बोला के उसके मौसी की हालत ज्यादा बिगड़ गयी है तो पिता जी उसी वक़्त उनके परिवार वालो के साथ अस्पताल गए है।मेरी माँ ने कहा,” ऐसा कर समीर तू बाइक लेकर जा और उसे लेकर आ, वो बेचारी अकेली वहां निराश हो रही होगी।”मैंने बाइक निकाली और उसके घर की और निकल गया। उसका घर गांव के बाहर था। सो अँधेरे की वजह से मै धीरे धीरे जा रहा था।करीब 15 मिनट में मैं उसके घर पहुंच गया और उसे साथ आने को बोला।वो बोली,” थोडा रुक जाओ मैंने मौसी की खबर सुनकर अभी तक खाना नही खाया और गर्मी की वजह से नहाना भी है। इस काम के लिए मुझे करीब एक घण्टा लग जायेगा। तब तक तुम बाइक अंदर करलो।”मैंने बाइक अंदर करली और दरवाजा अंदर से बन्द कर लिया। अब हम दोनों अकेले थे। मौसी की तबियत को लेकर नीतू बहुत उदास लग रही थी।मैंने उसे छेड़ना चाहा लेकिन उसकी कोई प्रतिकिर्या न मिलती देखकर मैंने ज्यादा जबरदस्ती नही की और समय की नज़ाकत को देखते हुए कुछ नही किया। अब मैं उस से बिल्कुल नॉर्मल बाते कर रहा था।उसने मेरे चेहरे की और देखा और कहा,” नाराज लग रहे हो?मैंने कहा,” नही, नही मैं भला नराज क्यों होऊँगा?वो बोली, ” पता है मुझे, मैंने आज कोई प्रतिकिर्या जाहिर नही की जब तुमने मुझे चूमना चाहा था। लेकिन क्या करु मेरा मन आज सुबह से ही मौसी पे अटका हुआ है। उनकी सही सलामत डिलिवरी हो जाये। फेर कोई टेंशन नही रहेगी। खैर छोडो इस बात को, आप अपना मेरी वजह से मूड खराब न करो। खाना खाकर हम इकठे नहाऐगे तब अपने दिल की हर रीझ पूरी कर लेना। अब मैं आटा गूँथ लूँ। बस 4-5 रोटिया बनानी है। तब तक आप टीवी लगाकर बैठ जाओ।”मैं टीवी लगाकर बैठ गया लेकिन मेरा मन तो नीतू में ही खोया हुआ था। करीब 20 मिंट बाद वो खाना लेकर मेरे पास कमरे में ही आ गयी और बोली,” लो तुम भी खाना खा लो।मुझे भूख तो नही थी लेकिन उसका मान रखने के लिए उसके साथ ही एक ही प्लेट में खाने लग गया। मैंने रोटी को थोडा सा तोड़कर उसके मुंह में डाल दी। जिस से उसकी आँखे नम हो गयी। मैंने पुछा,” क्या हुआ, रो क्यों रही हो ?वो बोली,” समीर तुम अजनबी होकर इतना प्यार कर रहे हो। तूने मुझे कभी भी बेगाना होने की बात महसूस नही होने दी। लेकिन एक मेरा पति था, उसकी पत्नी होते हुए भी उसने एक दिन भी मुझे ऐसे रोटी नही खिलाई। इस लिए मेरा मन भर आया। खैर छोडो इस बात को अब तुम मुंह खोलो अब मैं तुम्हे अपने हाथो से खिलाऊँगी।”वो मेरे मुंह में रोटी को थोडा थोडा करके डालने लगी।मैंने थोडा शरारत करने की सोची और उसकी ऊँगली को हल्का सा काट लिया। वो दर्द से तिलमिला गयी और थोडा गुस्सा दिखाते हुए रुठने का नाटक करने लगी। मैंने उसे बड़े प्यार से मनाने की कोशिश की लेकिन वो थी के मानने का नाम ही नही ले रही थी।फेर मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और उसको उनके ही बेडरूम जो के रसोई के साथ वाला ही कमरा था, उसमे ले गया और
बेड पे जाकर पटक दिया। मुझे नीतू ने अपने ऊपर खींचा, अपने सीने से लगाया और मैंने उसकी ठोड़ी ऊपर को उठा कर अपने होंठ उसके होंटों पर धर दिये।एकदम पतले गुलाब की पंखुड़िया जैसे उसके होंठ मेरे थोड़े से कठोर होंठो की कैद में आ गए। हम दोनों ने एक दूसरे के होंठों पर बार बार चूमा।फेर नीतू ने धीरे से मेरे कान में बोला,” सिर्फ होंठो पर ही समय बर्बाद करोगे या आगे भी चलोगे?मैंने भी कह दिया,” आगे आगे देखिये होता है क्या ?” और इसपे हम दोनों हंस दिए।अब मैंने उसको लिटाया और सबसे पहले उसके माथे पे किस किया, फेर होठ रगड़ता हुआ उसकी गालो पे किस किया और हलकी हल्की चक्की भी काटी.वो बोली,” चक्की न काटो यार, निशान पड़ जायेंगे। घर पे भी जाना है न माँ क्या कहेगी ? मुझे उसकी बात सही लगी।मैंने कहा,” चलो अब आपकी बारी है। असल में मुझे उसकी पिछली चुदाई के दौरान कही बात याद आ गई के फ्री टाइम में तेरा लण्ड चूसूँगी। मैंने सोचा इतना अच्छा मौका हाथ से भला क्यों गंवाना। अब मैं लेट गया और आँख के इशारे से उसे करने को न्यौता दिया।नीतू ने मेरे पायजामे का नाड़ा खोल दिया और अंडरवियर में हाथ डाल कर लण्ड बाहर निकाल लिया और उसे बड़े ही प्यार से बच्चे की तरह देखने लगी। मैंने उससे शरारती अंदाज़ में पूछा- क्या हुआ, क्या देख रही हो? उसने एक नजर उठा कर मुझे देखा और उसको प्यार से किस करने लगी, उसने पहले एक किस सुपारे पर की और धीरे से सुपारे को मुंह में भर लिया, अंदर ही अंदर सुपारे पर जीभ चलाने लगी।क्या आनन्द था यार, कहने सुनने से परे, आँखे बन्द करके इस आसमानी सैर का मजा ले रहा था। वो लण्ड लेने के लिए इतनी उतावली हो रही थी के एक हाथ अपनी सलवार में डाल के अपनी चूत को सहला रही थी और अपना सर आगे करके हलक तक लण्ड ले जाती और गू गू की आवाज़ करने लगती। उसकी आखो में पानी सिम आया था। लेकिन उसका मुख चोदन बन्द नही हुआ। जब मुझे लगा के मेरा माल निकलने वाला है तब मैंने उसे हट जाने को कहा।अब मैंने उसे लेटने को बोला! उसने जल्दी से अपनी सलवार उतारी और मैंने देर न करते हुए उसकी चूत में जीभ डाल दी और अंदर तक जीभ को ले जाकर अंदर बाहर करने लगा, वो कामुकता वश पागलों जैसे मचलने लगी, उसने दोनों टाँगों के बीच में मेरे सर को कस लिया.किन्तु अब स्थिति ऐसी थी जिसमें उसकी चूत के अंदर मेरी जीभ अपना कमाल दिखा रही थी और उसके स्तनों के ऊपर मेरे हाथ अपना कमाल दिखा रहे थे.कुछ ही पलों में वो बिस्तर में ही लेट के चूत चटवाने का आनन्द लेने लगी अब कामुकता के वशीभूत होकर उसके पैर स्वतः खुल गये और वो दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी मानो मेरा पूरा सर ही अपनी चिकनी चूत में घुसा देगी।वो अपने मज़े में इतना खो गयी के उसका पानी कब निकल गया उसे पता नही चला, जिस से मेरा मुँह पूरी तरह से भीग गया। मुझे थोड़ी बेजती महसूस हुई के मैंने तो इसे छोड़ देने को कह दिया था। लेकिन साली ने मुंह पे कर दिया। अब मैं बदले की भावना में आ गया। एक बार पानी निकल जाने से वो निढाल होकर गिर पड़ी उसकी सांसे फूली हुई थी।मैंने बेडशीट से अपना मुह पोंछा और उसे बोला,” क्यों जानू मज़ा आया या नही।वो बोली,” आज जितना मज़ा तो कभी भी नही आया समीर। मुझे तेरी बीवी से जलन महसूस हो रही है के वो इस मज़े का रोज़ाना मज़ा लेती होगी। जब मैं कभी कबार साल, महीने में एक दो बार ही ले पाऊँगी।”मैंने कहा,”कोई बात नही यार, चाहे एक बार ही सही लेकिन पूरा मज़ा तो लो इस पल का।” इतना कहते ही मैंने अपना लण्ड उसके मुंह से पास कर दिया।उसने बिना कोई आना कानी किये फेर मेरे लण्ड को अपने मुंह की ग्रिफत में ले लिया और मैंने उसके मुंह के ऊपर होकर हल्की हल्की अपनी कमर हिलाने लगा। उसकी जीभ के स्पर्श मात्र से ही सोये लण्ड में फेर से जान आ गयी और मैंने उसके मुंह से निकालकर अब उसकी टांगो के बिच आ गया।वो बोली,” जल्दी कर
ो घर भी जाना है न देर हो रही है।”अब मैंने अपनी पोजिशन ले ली और उसकी दोनों टांगो को कन्धों को रखकर अपने तने हुए लण्ड का सुपारा उसकी कामरस से सनी हुई चूत के मुंह में रखा और हल्की सी कमर हिलाने से लण्ड का सुपारा उसकी चूत में समा गया और वो आँखे बन्द करके इस पल का मज़ा लेने लगी।थोड़ी देर के बाद बोली,” आज तुम अपना माल मेरी चूत में नही मेरे मुह पे छोड़ना, क्योंके मुझे डेट को आये हुए 3 दिन ही हुए है, कही कोई गडबड न हो जाये।”मेरी तो मानो दिल की मुराद पूरी हो गयी हो। मैं बड़े जोर शोर से कमर चला रहा था के मुझे लगा के अब मेरा माल निकलने वाला है।तो मैंने जल्दी से लण्ड उसकी चूत से निकालकर थोडा आगे होकर उसके मुंह में दे दिया और गर्मा गर्म वीर्य की पिचकारियों से उसका चेहरा भर दिया। अब मैं भी हांफता हुआ। उसके साथ ही लेट गया।जब हमारी सांसे थमी तो हमने उठकर अपना हाथ मुंह साफ किया और बाथरूम में चले गए। वहां हमने एक दूसरे को मल मल के नहलाया और एक दूसरे की चुसाई की। फेर हम उसके घर को ताला लगाकर मेरे घर पे आ गए।ये थी आज की कहानी, आपको जैसी भी लगी मेरे ईमेल “[email protected]” पे निसंकोच भेज दे। इस कहानी का तीसरा और आखरी भाग जल्दी लेकर आउगा। तब तक के लिये अपने दीप पंजाबी को दो इजाजत….नमस्कार !!!!
Cousin Behan Babita Ko Choda
हेलो दोस्तों मैं हूं अर्जुन. मैं मेरी पहली देसी टेल्स हिंदी चुदाई कहानी लिख रहा हूं, अगर कोई भूल हो जाए तो मुझे माफ कर देना. मेरी उम्र 28 साल है. मैं अहमदाबाद गुजरात से हूं. मैं एक कम्पनी में जॉब करता हूं. मेरी हाइट 5 फुट 4 इंच है और दिखने में ठीक ठाक हूं.. मेरा लंड ज्यादा बड़ा नहीं है लेकिन 6 इंच तो होगा.में इस साइट का रेगुलर रीडर हु लेकिन अभी तक कभी कहानी नहीं लिखी है. आज यह कहानी पहली बार लिखने जा रहा हूं. जो भी हो अपने लंड को हीलाने में और चूत को उंगली करने के लिए तैयार हो जाए.मेरी कहानी मेरी छोटी सिस्टर की है जिसका नाम बबिता है. वह मेरे फूफा जी की बेटी है लेकिन बचपन से ही हमारे घर रहती है इसलिए हम काफी क्लोज है. मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में भी उसे पता है. मेने मेरी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स किया है और उसे भी पता है. वह मेरे से ६ महीने छोटी है पर एक ही क्लास में पढ़ते हैं. उसकी फिगर ३४-२६-३४ है.यह एक सच्ची घटना है, जब मैं बारहवीं में पढ़ता था तब की बात है. हम दोनों का १२वी का एक्जाम खत्म हुआ था.. हमारा इंजियरिंग का एग्जाम था जो भुवनेश्वर में सेंटर पड़ा था. तो हम दोनों एक दिन पहले ही भुबनेश्वर के लिए निकल गए, एक होटल में रुक गए, भाई बहन थे इसलिए दो बेडरूम वाला रूम बुक कर लिया.. शाम को रुम पर आकर पहुंच गए. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।उसने जींस और टॉप पहनी हुई थी, उस वक्त तक मेरे मन में उसके लिए कोई गंदा ख़याल नहीं आया था. लेकिन जब उस ने ड्रेस चेंज करने के लिए मेरे को घूमने को बोला तो मैं मिरर से देखा कि वह ब्लैक कलर की ब्रा पहनी हुई थी.जिस से मेरा लंड खड़ा हो गया.उसके बाद वह बाथरुम में फ्रेश होने लगी. उसके बाद जब मैं गया तो देखा कि उसकी ब्रा और पेंटी बाथरूम में पड़ी थी. पहली बार उसकी सोच में मुठ मारकर फ्रेश होकर चला आया. रात के ९ बज गए थे.. हमने बाहर से खाना और कोल्ड ड्रिंक मंगवाया. फिर डिनर खत्म होने के बाद सोने के लिए अपने अपने बेड पर गए.मुझे नींद नहीं आ रही थी इसीलिए में मोबाइल पर सेक्स कहानी पढ़ रहा था. उस टाइम बबिता भी मेरे पास आ गई तो मैंने उसे अचानक बंद कर दिया. उसने मेरे को मेरा मोबाइल मांगा तो मैंने दे दिया. और बाथरुम चला गया.आने के बाद देखा तो वह मेरे मोबाइल पर ब्लू फिल्म देख रही थी और अपने बूब्स को सहला रही थी. कुछ टाइम बाद मेरे को देखा और डर गई. मैंने फिर से ब्लू फिल्म कर दी. मेरा लंड खड़ा होने लगा और वह भी गर्म होने लगी. उसकी सांसे तेज होने लगी. मैं उसके कंधे पर हाथ फेरने लगा उसे पीछे से किस करने लगा. उसके बाद उसे लिप किस करने लगा.तब अचानक से मुझ से दूर चली गई और मैंने फिर से उसे पकड़ कर चूमने लगा. कुछ समय बाद वह भी मेरा साथ देने. मेरा एक हाथ उसके कोमल बूब्स के ऊपर था और हम बहुत प्यार से अपने मुह का थूक एक दुसरे के मुह में डाल कर किस कर रहे थे. कुछ आधा घंटा बाद हम एक दूसरे से अलग हुए. में उसके दूध को पकड़ कर दबाता रहा और वह मोन करने लगी.मेने उसकी टॉप निकाल दी.. वह अब मेरे सामने ब्रा में थी. अब वह मेरे सामने स्कर्ट में थी. में उसके नंगे बूब्स को दबाता रहा और चूसता रहा, वह सिर्फ मोंन कर रही थी आह्ह औऊ ई ओह्ह हां यस्स हहह ओह्ह हहह औउ अहह अम्म आह भैया चुसो. २० मिनिट के बाद मेने उसकी स्कर्ट और पेंटी भी निकाल दी..फिर उसने भी मेरे कपड़े उतार दीये. हम दोनों पूरे नंगे खड़े थे. में उसको अपना लंड चूसने को बोला तो वह मुह मेरे लंड के पास ले आई और चूसने लगी, वाह क्या फीलिंग आ रही थी? मैं तो सातवें स्वर्ग में था. कुछ २० मिनट चूसने के बाद मैं उसके मुंह में ही झड़ गया और सारा पानी पी गई. मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया.उसके बाद मैं उसकी चूत को चाटने लगा वह पूरी गर्म हो गई थी. वह मेरा मुंह अपनी चूत में रगड़ रहीं थी अहः औऊ अह्ह्ह ओऊ इई अह्ह्ह यस्स और चुसो प्लीज़ सक मी और जोर से चूसो ऐसे ही कर रही थी.. १
० मिनट में वह भी जड गई.अब वो कंट्रोल नहीं कर पा रही थी और डालो प्लीज़ डालो अंदर ऐसे कर रही थी. मैं भी तैयार हो गया और लंड को चूत के पास ले कर जोर से धक्का दिया तो अंदर चला गया और जोर से चिल्लाने लगी.में उसे किस करने लगा आह्ह चिल्लाने लगी और बोली निकालो नहीं तो मर जाउंगी. मेने नहीं निकाला और जोर से धक्का लगाया तो पूरा अंदर चला गया. मैं मर गई… अमा मर गयी.. ऐसे चिल्लाने लगी. पर कुछ देर के बाद वह शांत हो गई. और मैं अंदर बाहर किया.वह मेरा साथ दे रही थी, मैं उसे पूछा कि क्या तुम पहले कभी सेक्स नहीं किया? तो वह मेरे को बोली की उस के बॉयफ्रेंड ने उसकी फिंगरिंग किया था और वह अपने आप कभी कभी बेंगन अपनी चूत में डालती थी और एक घंटा चोदने के बाद में उसकी चूत में जड़ गया.मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ जरुर करें। ताकि कहानियों का ये दोर देसी कहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।वह अपनी गांड उठा उठा कर साथ दें रही थी. इसी बिच वह तीन बार झड़ चुकी थी. उस रात हम वहां दो बार सेक्स किए और सो गए.. जब सुबह उठे तो हम नंगे पड़े थे.सुबह उठकर फिर एक बार सेक्स कर के एक्जाम देने के लिए चले गए. एग्जाम के बाद हम और भी २ दिन भुवनेश्वर में रहे और जबरदस्त मजे से सेक्स किया. मैं उसकी गांड में भी चोदा. अगली कहानी में बताऊंगा कैसे मैंने उसकी गांड में लंड डाला और गांड मारी.. उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता हम सेक्स करते थे.वह अपनी गांड उठा उठा कर साथ दें रही थी. इसी बिच वह तीन बार झड़ चुकी थी, अहमदाबाद से कोई गर्ल आंटी या भाभी चुदाई का मजा लेना चाहे, तो सम्पर्क करें.. देसी टेल्स हिंदी चुदाई कहानी और मेरी ईमेल पता है “[email protected]”.
Mosa Ji Ki Tanhai Dur Ki – Part 2
इस सेक्स स्टोरी के पहले पार्ट को पसंद कदने के लिए धन्यवाद्, अब आपके लिए पेश है अगला पार्ट..मौसा जी ने मुझे बैॅड पर पटक दिया और मेरे ऊपर 69 की अवस्था में लेट गए। मौसा जी ने मेरी टांगें खोलकर अपनी जीभ मेरी चूत में घुसेड़ दी और मैं उनके लंड को अपनी गर्दन हिला हिला कर चूसने लगी। मेरे लंड चूसने से पुचचच… पुचचच… और मौसा जी के मेरी चूत चाटने से सपड़ सपड़ की आवाज़ें आ रही थीं।कुछ देर ऐसे करने के बाद मौसा जी ने मुझे जमीन पर घुटनों के बल बैठा दिया और अपना लंड मेरे होंठों पर लगा दिया। मैं उनके लंड को को मुंह में लेकर चूसने लगी। मौसा जी ने मेरे सिर को पकड़ लिया और मैं समझ गई वो मेरे मुंह को चोदेंगे। मैंने लंबी सांस ली और मौसा जी ने अपनी कमर हिला कर झटका मारा।मौसा जी का लंड मेरे गले की गहराई में उतर गया। उन्होंने कुछ देर अपना लंड मेरे गले की गहराई में फंसा कर रखा और बाहर खींच लिया। मौसा जी बार बार अपना लंड मेरे गले में उतार देते और कुछ देर वहीं फंसा कर रखने के बाद बाहर खींच लेते।उनके लंड बाहर खींचते ही मैं लंबी सांस लेती ताकि दोबारा उनके लंड को गले में उतारने का मजा आ सके और सांस न फूले। मैं अपनी चूत को हाथ से रगड़ते हुए मुंह चुदाई का मजा लेने लगी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..मौसा जी ने मुझे टेबल पर बैठा लिया और टांगें खोलकर मेरी चूत के छेद पर अपना लंड लगाकर कहा, “क्यों अर्श बेटा तैयार हो अपने मौसा का लंड खाने को।” मैंने उनकी आंखों में देखा और स्माईल देकर आंख मारते हुए मौसा जी को बांहों में भरकर कस के पकड़ लिया।मौसा जी ने अपनी कमर को हिला कर एक बहुत जोरदार शाॅट मारा और ऊक ही शाॅट में उनका सख्त लंड मेरी चूत की नाजुक दीवारों को चीरता हुआ जड़ तक बैठ गया।मैं इतने जोरदार शाॅट से बिल्कुल हिल गई और मेरे मुंह से बहुत जोर की चीख निकल गई। अगर घर में कोई होता तो हम जरूर पकडे़ जाते। मैंने मौसा जी से कहा मैं आपकी भांजी हूं कोई रंडी नहीं जिसे आप पैसे देकर लाए हो और अपने पैसे वसूल करने हैं।मौसा जी ने मुस्करा कर कहा अभी तो शुरुआत है मेरी बेटी आगे आगे देखना होता है क्या। मैंने मुस्करा कर कहा आज तो अपनी बेटी को रंडी बना ही दोगे और उनके होंठों पर होंठ रख दिए। मौसा जी अपनी कमर को हिला कर मेरी चूत में लंड पेलने लगे और मैं भी अपनी गांड हिला कर चूत में लंड लेने लगी।मेरी चूत में मौसा जी के लंड के घर्षण होने से मेरे मुंह में कामुक सिसकियां फूटने लगीं। मैंने मौसा जी को कस कर बांहों में भींच रखा था और मेरे बूब्ज़ उनकी सुडौल छाती में गढे़ हुए थे। मौसा जी मेरी पीठ को सहलाते हुए अपनी कमर हिला कर मेरी चूत चोदने लगे और मैं उनकी पीठ को मसलते हुए और उनकी गर्दन को चूमते हुए गांड हिला हिला कर चूत चुदवाने लगी।मौसा जी ने मुझे टेबल पर हाथों के सहारे झुका कर खड़ा कर दिया और मेरे गांड के छेद के अंदर-बाहर और अपने लंड पर ढेर सारा नारियल का तेल लगा लिया। इस बार मैं मौसा जी के जोरदार शाॅट को झेलने केलिए तैयार थी।मौसा जी ने मेरी गांड के छेद पर अपना लंड लगा दिया और मैंने टेबल को कस कर पकडे़ हुए गांड को ढीला छोड़ दिया। मौसा जी ने कमर से कस कर पकड़ा और लंड को मेरी गांड में धकेल दिया। उनका मजबूत लंड मेरी गांड को फाड़ता हुआ मेरी गांड की गहराई में समा गया और इस बार मैं फिर से चिल्लाई क्योंकि मौसा जी के जोरदार प्रहार से मेरा पेट हिल गया था।मौसा जी ने लंड को बाहर खींच कर वापस गांड में पेल दिया। अब मुझे मजा आने लगा और मैं गांड को गोल गोल घुमा कर जबरदस्त गांड चुदाई का आनंद लेने लगी। मौसा जी बहुत जोरदार धक्कों से मेरी गांड चोदने लगे और मेरे बूब्ज़ हवा में आगे-पीछे डांस करने लगे।मौसा सोफे पर अपने लंड को पकड़ कर बैठ गए। मैंने घुटने मोड़ कर सोफे पर रखे और हाथ मौसा जी के कंधों पर रखकर अपनी चूत
को लंड पर टिका दिया। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..मैंने गांड को थोड़ा ऊपर किया और जोर से नीचे धकेल दिया। मेरी चूत का छेद सीधा मौसा जी के लंड से टकराया और सररर.. की आवाज़ से उनका लंड मेरी चूत में समा गया। इस बार चिल्लाने की बारी मौसा जी की था। उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा, “क्या कर रही हो अर्श बेटी।”मैंने उन्हीं के अंदाज़ में कहा अभी तो शुरुआत है चोदू मौसा जी, आगे आगे देखना होता है क्या। मेरा जवाब सुन कर मौसा जी मुस्कराने लगे और मुझे ऐसे ही बैठाए हुए दो गिलास में शराब डाल ली। हम दोनों शराब पीने लगे और एक-दूसरे की आंखों में हवस भरी नज़रों से देखने लगे। मैं मुंह से शराब गटक रही थी और नीचे मेरी चिकनी चूत में लंड फंसा हुआ था।मुझे अजीब सी मस्ती आ रही थी इसी मस्ती में मैंने मौसा जी से कहा कि कितना मजा आता अगर मैं चूत के साथ-साथ मेरी गांड में भी लंड लेकर शराब पीती। मौसा जी ने कहा कि मैं भी जोती जैसी रंडी हूं वो भी मौसा जी और उनके बडे़ भाई जानी कि अपने ताऊ का लंड एक साथ अपनी चूत और गांड में लेकर शराब का मजा लेती थी।हमने शराब पीकर गिलास रख दिए और मौसा जी के कंधों पर हाथ रखकर उनके लंड पर उछल-कूद करने लगी। मौसा जी नीचे से गांड हिला कर मेरी चूत चोदने लगे। मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर मौसा जी का लंड अपनी चूत के अंदर-बाहर करने लगी और अपने बूब्ज़ उनके चेहरे पर दबा दिए।मौसा जी नीचे से मेरी चूत चोदते हुए मेरे बूब्ज़ चूसने लगे। मौसा जी ने मेरी कमर पकड़ कर मुझे ऊपर उठा दिया और लंड को चूत से निकाल कर मेरी गांड के छेद पर लगा दिया। मौसा जी ने अपने लंड को मेरी गांड पर सैट करके मेरी कमर को नीचे दबा दिया और लंड मेरी गांड में समा गया।अब मैं उछल उछल कर मौसा जी का मोटा लंड अपनी गांड में लेने लगी और मौसा जी मेरे ऊपर-नीचे छलांग लगा रहे बूब्ज़ को हाथों में थाम कर मेरी गांड चोदने लगे। मैं चुदाई में लीन हुई मस्ती में ऊंची ऊंची चिल्ला रही थी।मौसा जी बैॅड पर बाईं तरफ मुंह करके लेट गए और मैं उनकी तरफ पीठ करके लेट गई। मौसा जी ने मेरी टांग उठाकर पहले मेरी चूत में लंड डाला फिर गांड में।लेकिन हम दोनों को ही इस अवस्था में चुदाई का ज्यादा मजा नहीं आया और मौसा जी बैॅड पर सीधे लेट गए और मैंने अपना मुंह उनके पैरों की तरफ कर लिया। मैंने मौसा जी की टांगों पर हाथ रखकर लंड पर चूत को टिका दिया और गांड नीचे धकेल कर लंड को चूत में ले लिया।मैं मौसा जी की टांगों को पकड़ कर थोड़ा झुक गई और गांड को ऊपर उठा कर तेज़ी से नीचे धकेलने लगी। मैं बहुत तेज़ी से और जोर से लंड को चूत में आगे-पीछे करने लगी और मुझे लग रहा था कि मैं जंनत की सैर कर रही हूं। मौसा जी भी अपनी कमर हिला हिला कर मेरी चूत में लंड पेलने लगे।मौसा जी ने मुझे दीवार से सटा कर खड़ा कर दिया और मेरे चूतडो़ं की फांकों को खोलकर मेरी गांड के छेद पर लंड टिका दिया।इससे पहले मौसा जी शाॅट मारते, मैंने जोर से गांड को पीछे धकेल दिया और मौसा जी का लंड मेरी गांड में समा गया।मेरी ये हरकत देखकर मौसा जी बोले तू तो किसी चुद्द्कड़ रंडी से भी गर्म है और जोर जोर से मेरे बूब्ज़ हाथों में पकड़ कर चोदने लगे। मैंने कहा चुदाई का मजा तो बेशरम रंडी बन कर ही आता है और गांड को आगे-पीछे करके चुदने लगी।मौसा जी ने मुझे घुमा कर मेरा मुंह अपनी तरफ कर लिया और मेरी एक टांग उठा ली। मैंने अपनी गोरी एवं कोमल बांहें मौसा जी के गले में डाल दीं और अपने बूब्ज़ उनकी छाती पर दबा दिए।मौसा जी ने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगा कर झटका मारा और लंड को चूत में घुसा दिया। मौसा जी ताबड़तोड़ शाॅट मारते हुए मेरी चूत चोदने लगे और मेरा बूब्ज़ उनकी छाती से रगड़ खाने लगे। मौसा जी की रफ्तार काफी बढ़ गई मतलब वो झड़ने वाले थे।मौसा जी ने मेरी चूत से लंड निकाल लिया और मुझे कंधों से दबा कर बैठा दिया। मैंन
े जल्दी से मौसा जी का लंड पकड़ा और हिलाने लगी लेकिन मौसा जी ने लंड मेरे मुंह में दे दिया और मेरा सिर पकड़ कर मेरे मुंह को जोरदार धक्कों से चोदने लगे। मौसा जी अपनी चरम सीमा पर पहुंच गए और उन्होंने एक जोरदार शाॅट मारा।कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।मौसा जी का लंड मेरे गले की गहराई में उतर गया और लावा उगल दिया। मौसा जी मेरे गले की गहराई में हांफते हुए धीरे-धीरे लंड हिलाने लगे और मुझे उनका गर्म गर्म वीर्य मेरे गले के नीचे उतरता हुआ महसूस होने लगा। मौसा जी ने लंड निकाल लिया और मैंने अपनी जीभ से चाट कर साफ कर दिया।हमने फिर से शराब और सिगरेट पी और और नहाने चले गए और वहां बाथरूम में नहाते हुए फिर से ताबड़तोड़ चुदाई की। हम आकर बिना खाना खाए नंगे ही सो गए। सुबह दफ्तर जाने से पहले फिर से चुदाई का रंगारंग प्रोग्राम चला और 7 दिन वहां रही और खूब चुदाई की।अब आपके सामने नई सेक्स स्टोरी लेकर आऊंगी तब तक सब को चुद्द्कड़ अर्श का सलाम। और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
Dost Ke Saath Uski Behan Rina Ki Chudai
सबसे पहले देसी कहानिया पढ़ने वाले सभी भाइयो को नमस्कार. सेक्सी भाभियो को चुत छूकर प्रणाम आशीर्वाद में भाभियो से उनकी चुत का प्रसाद चाहूँगा. मेरे बारे में ज्यादा जानने के लिये कृपया मेरी पिछली कहानी जरूर पढ़ें.हेलो दोस्तो आज मै फिर से हाजिर हूँ अपनी नई कहानी लेकर मेरी पिछली कहानी में आपने पढ़ा होगा मुहबोली भाभी की चुदाई. जिन्होंने पिछली कहानी नही पढ़ी ओ एक बार जरूर पढ़ ले.आपको तो पता ही है मुझे सेक्स का चस्का बचपन मे लग गया था. मुझे औरतो के ननज देखने का बहुत शौक थामै देसी कहानी का बहुत शौकीन हूँ. हर रोज हर कहानी जरूर पड़ता हूँ.क्योकि तब आप मेरे बारे में भी जान जाओगे. और जो भाई पढ़े होंगे ओ इतना जरूर जानते होंगे कि मैं सेक्स का कितना दीवाना हूँ. अब आपको ज्यादा बोर न करते हुए सीधे कहानी पे लेकर चलता हूं.दोस्तो मेरा एक दोस्त है राजीव सिंह जो कि हमारे यहाँ से 5 किलोमीटर दूरी पे उसका घर है. उसके मामा का घर इलाहाबाद के पास में है. मेरा दोस्त अपनी ममेरी बहन की चुदाई करता था. तो उसने मुझे बोला यार चलो आपको चुत दिलाता हूं.तो अपनी शर्मिदगी के कारण कई बार मैंने ताल मटोल की एमजीआर मेरा दोस्त है इतना जिद्दी की आखिर में मुझे लेकर ही गया अपने मामा के घर.उसकी सगी मामी का ऑपरेशन हुआ था जिस वजह से मेरे दोस्त की माँ भी अपने मायके में थी. उन्ही को लेने गए थे. हम लोग ट्रेन से शाम को उसके घर पहुँचे. मेरे दोस्त को देखते ही उसकी ममेरी बहन तो जैसे उछल पड़ी. फिर बात चीत का दौर शुरू हो गया.आपको कहानी की नायिका के बारे में बताना भूल गया. नायिका का नाम है रिना सिंह. जिसकी शादी हो चुकी है मगर कोई बच्चा अभी तक नही हुआ. मोटी, और छनछन सेक्सी लड़की थी रिना.ये कहानी 2002 की है. मैंने भी रिना को देख तो देखता ही रह गया. इतनी जबरदस्त माल थी. चाय पानी और बातचीत का दौर खत्म हुआ तो रिना की माँ दूसरे घर पे चली गयी जहाँ मेरी आंटी थी.जैसे मामी उस घर गयी हमारा लंड तो रिना को देखते ही टाइट था हम लोग टूट पड़े रिना के ऊपर उसके कपड़े खोलना शुरू किया और बूब्स दबाना शुरू किया हालांकि शुरुवात में रिना मुझसे झुझक रही थी.फिर मेरे दोस्त के दबाव में आकर रिना ने मेरा काफी सहयोग किया. जब हमने कोड़े उतर लिए रिना सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में थी. और हम दोनों अंडरवियर में.मेरे दोस्त ने रिना को इतना बोला कि ये मेरे खास दोस्त ही नही गुरु भी हैओ पहले ये चोदेगे फिर मैं. रिना भी मां गयी तो मैंने दोस्त को दूसरे कमरे में भेज दिया और फिर स्मूचिंग शुरू किया रिना के साथ किस करते और बॉबे दबाते ही रिना भी मजे लेरहि थी.उसकी चुत ने भी पानी तभी छोड़ दिया जब हम दोनों को उसने देखा था. ये बात रिना ने मुझे बाद में बताई.मैं चुत चुदाई से पहले चुत चूसने का शौक रखता हूं. जैसे ही अपना मुख रिना के चुत पे लगाया. तो सिहर उठी. बोली अरे पण्डित मार डालोगे क्या.जब चुत चूसने में टाइम लगने लगा तो रिना ने भी अपने मुब का दरवाजा खोला और मेरा लंड अपने मुह में लेकर चूसने लगी. हालांकि रिना चुद तो कई बार चुकी थी. मगर न तो किसी न उसकी चुत चूसा था. और न ही रिना ने किसी का लंडचूसा था.एक बार तो मैं रिना के मुह पर ही ढेर होगया हालांकि रिना ने उसे मुह में नही लिया. फिर चूसते चूसते जब लंड दोबारा खड़ा हुआ तो रिना कहने लगी पंडित अब मत तड़पाओ चोद दो मुझे. फिर मैंने भी रिना को घोड़ी बनाया और एक धक्का मारा तो रिना अहह कर उठी.उसके बाद मुझे जैसे मेरा लन्ड उसकी चुत में गया तो मुझे बड़ा तेज दर्द हुआ. बाद में पता चला और आदमी दोनो के सील होते है और ओ दर्द मेरा सील टूटने का था.हालांकि ये मेरी पहली चुदाई थी सेक्स के बारे में मुझे जो भी जानकारी थी ओ सिर्फ सेक्सी किताबे पढ़कर ही हासिल हुई थी और मेरी एक दो भाभियां है जिन्होंने बताया था.चुदाई के टाइम चुचे दबाओ और चुम्मी लो ये सब करने से औरत जल्दी सन्तुष्ट होती
है. इतना मुझे भी पता था. पहली चुदाई ढंग से करोगे तो ओ औरत हमेशा चुदेगी.फिर मैंने भी लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और रिना भी बीच बीच मे अपनी गाड़ उछलकर सहयोग करती रहती थी.फिर तो तूफानी दौर चला चुदाई का मैंने भाँग भी कहा रखी थी. इतनी चुदाई के बाद तो रिना भी बस बोलने लगी थी. बोली पंडित इतना दर्द और मजा मुझे आज तक किसी से नही ओ अपने पड़ोसी से. बुआ के लड़कों से और अपने पति इन तीन लोगों से चुद चुकी है ये बात भी मुझे रिना ने बतायी.लगभग आधे घण्टे की भीषण चुदाई में हम दोनों थक गए और और मैंने अपना सारा माल रिना की चुत में छोड़ दिया. उसके चेहरे पे भी सन्तुष्टि के भाव नजर आते थे.जब हम चुदाई करके उठे तो मेरा दोस्त लंड हिलाता आया और बोला अब मेरी बारी. फिर रिना ने बोला अरे इस पण्डित ने इतना चोदा की आधे घण्टे तक मैं चुदने के मूड में नही हूँ.करीब आधे घंटे के रेस्ट के बाद मैं बाहर से रखवारी करता रहा और मेरा दोस्त अब रिना की चुदाई में लगा था. जैसे ही मेरे दोस्त ने चुदाई कह की होगी यहाँ तक कि उन दोनों ने कपड़े भी नही पहन सके थे कि तभी उसकी माँ आ गयी, हालांकि तब तक सब कुछ नार्मल हो चुका था मगर रिना की माँ ये जरूर समझ गयी इस बिस्तर में उसकी बेटी की चुदाई दो दो लाँडो ने की है.लेकिन उसकी माँ भी एक नम्बर की चुदकेकड़ थी तो इसलिये उसने उस टाइम कुछ नही बोला. रूना ने बताया कि उसके दूसरी बुआ के लड़के ने खुलेआम मा की चुदाई की थी. मैं समझ गया आज तो मामी की भी चुदाई करनी पड़ेगी.इधर हम ममी की चुदाई की सोच ही रहे थे. कि मामी ने खुद अपनी चुदाई का प्लान बनाया. हुआ यूं कि. रात में मेरे दोस्त को दूसरे कमरे में ले जाकर सारी बात बोल दी. और रात का प्लान ये बना की मेरा दोस्त रिना की मम्मी मतलब अपनी मामी के साथ सोयेगा रिना मेरे लंड की सवारी लड़ेगी. हालांकि रिना रात में मुझसे चुदेगी ये बात मैं मेरा दोस्त और रिना ही जानते थे.जबकि रिना ये भी जानती थी उसका फुफेरा भाभी आज उसकी माँ की भी चुदाई लड़ेगा. अभी तक कि कहानी सिर्फ इतना ही अगली कहानी बताऊंगा कैसे मेरे दोस्त ने रातभर उसकी माँ की चुदाई की और रिना ने भी मुझे चुदने के लिये कहाँ कहाँ बुलाया. और अपने अलावा और किसे मुझसे चुदवाया.मेरी सच्ची कहानी आपको किसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताना. हालांकि उस दौर में मुझे 1 नही दो और चुत चोदने का मौका मिला जो कि मेरे दोस्त के बहन की ननद की है, लेकिन उसकी चुदाई का किस्सा बाद में.जब तक भाभियां साथी मुझे इस कहानी के बारे में बताएंगे तभी दूसरी कहानी पोस्ट करूँगा. हालांकि कुछ लोग यह फर्जी कहानिया भी पोस्ट करते है.इस कहानी को लिखने में यदि कोई गलती हुई होतो उसे क्षमा करने की कृपा करें. मुझे आप सभी के सुझावों का इन्तजार रहेगा रहेगा. उनसे यही कहना चाहूंगा भाई लोगो कहानी कोई ध्यान से पड़ता है. तो कम से कम कहानी तो सच्ची होनी चाहिये.मुझे लड़कियों से ज्यादा रुचि भाभी और आंटी में ज्यादा रुचि है कोई भाभी आंटी सीक्रेट लवर की तलाश में हो तो मुझसे जरूर सम्पर्क करें.[email protected]